सनातन के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक से अपमानजनक व्यवहार करने का प्रकरण
पंढरपुर (महाराष्ट्र) : सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक को अपमानित किए जाने के संदर्भ में यहां के पत्रकार श्री. द्वैपायन वरखेडकर ने महाराष्ट्र १ वाहिनी के संपादक निखिल वागळे को पत्र लिखकर उनका निषेध किया है !
इस निषेधपत्र में श्री. वरखेडकर ने लिखा है कि, अन्य वाहिनियों की भांति मैं महाराष्ट्र १ वाहिनी का नियमित दर्शक हूं। १८ अक्तूबर की रात में ‘आजचा सवाल’ कार्यक्रम में आप ने सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तकजी को उनका मत रखने हेतु आमंत्रित किया था। श्री. अभय वर्तक जब अपना विचार रख रहे थे, तब आपने अकस्मात हंगामा मचाते हुए उनको आप यहां से चले जाईए, मैं इसके आगे सनातन के लोगों को नहीं बुलाऊंगा आदि प्रकार की अयोग्य बातें कहकर उनसे अत्यंत अपमानजनक व्यवहार किया।
उन्हें उनका पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर भी नहीं दिया गया ! यह बात शिष्टाचार तथा सुसंस्कारिता से सुसंगत नहीं है !
एक पत्रकार के लिए तो यह कृत्य अत्यंत अशोभनीय एवं अयोग्य है। आप जैसे पत्रकारद्वारा इस प्रकार का आचरण अपेक्षित नहीं है। मैं स्वयं एक पत्रकार हूं तथा पत्रकारद्वारा आमंत्रित किये गये मान्यवरों से किए जानेवाले ऐसे दुर्व्यवहार पर मैं आपत्ति दर्शाता हूं !
श्री. वरखेडकर ने निषेध व्यक्त करते हुए आगे लिखा है कि, आप जैसे पत्रकार पत्रकारिता के लिए एक कलंक हैं। आप श्री. अभय वर्तक से तुरंत क्षमायाचना कर इसके आगे इस प्रकार का व्यवहार न करें, अन्यथा आपको पत्रकार के रूप में काम करने का कोई अधिकार ही नहीं है, ऐसा मेरा मानना है ! (पत्रकारिता के क्षेत्र में श्री. वरखेडकर जैसे पत्रकार कार्यरत होने के कारण ही इस क्षेत्र की प्रतिष्ठा जरा सी बाकी है ! अन्यथा वागळे जैसे पत्रकारों के कारण यह क्षेत्र कलंकित हुआ है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात