मन्दिरों के साथ साथ हिन्दुआें की रक्षा के लिए भी वहां भी सरकार कुछ करे, यह हिन्दुआेंकी अपेक्षा है – सम्पादक, हिन्दूजागृति
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों के संरक्षण के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार सीसीटीवी लगाएगी। यहां के मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों में से कुछ सैकड़ों साल पुराने हैं और पहले आगजनी जैसे हमलों का सामना कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि ४० करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में प्रमुख तौर पर खर्च निगरानी कैमरों की खरीद में किया जाएगा। इन्हें पूरे सिंध प्रांत के आराधना स्थलों पर लगाया जाएगा। डॉन ने सिंध के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक खतुमाल जीवन के हवाले से लिखा है, ‘प्रांतीय सरकार ने एक परियोजना शुरू की है जिसमें मंदिरों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों में निगरानी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे इन स्थानों पर सुरक्षा काफी कड़ी हो जाएगी।’
अधिकारियों ने बताया कि बीते दो साल में सिंध के लरकाना, हैदराबाद और अन्य जिलों में मंदिरों पर हुए हिंसक हमलों के मद्देनजर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ‘अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों पर पूरी सुरक्षा’ देने का वादा किया था। इसी के चलते इस परियोजना को तैयार किया गया। सिंध पुलिस ने हिंदू, सिखों और इसाईयों समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों के १,२५३ आराधना स्थलों को चिन्हित किया है। इसमें हिंदुओं के ७०३ मंदिर, ५२३ गिरजाघर, अहमदी समुदाय के २१ स्थल और छह गुरूद्वारे शामिल हैं। इन स्थानों की सुरक्षा में कुल २,३१० पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हालांकि अधिकारी इसे भी अपर्याप्त मानते हैं। पाकिस्तान के ज्यादातर हिंदू, लगभग ९३ फीसदी, सिंध प्रांत में रहते हैं। ये प्रांत की कुल आबादी में ८.५ फीसदी हैं।
स्त्रोत : जनसत्ता