भोपाल : यहां मंदिरों की बड़ी श्रृंखला है, परंतु (श्री श्री राधावल्लभ मंदिर) इस्कॉन का यह मंदिर वैदिक संस्कृति का अध्ययन केंद्र बनेगा। विशेषकर यहां युवाओं को भारत की वैदिक परंपरा का गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह बात शनिवार को इस्कॉन के वरिष्ठ सन्यासी पूज्य भक्ति विकास स्वामी महाराज ने कही। वह रायसेन रोड स्थित पटेल नगर में श्रीकृष्ण लैंड पर ४० करोड़ की लागत से बननेवाले इस्कॉन मंदिर के भूमिपूजन अवसर पर बोल रहे थे।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक बाबूलाल गौर, महापौर आलोक शर्मा, खनन निगम के अध्यक्ष शिव चौबे, इस्कॉन के क्षेत्रीय सचिव महामन दास आदि उपस्थित थे।
भक्ति विकास महाराज ने बताया कि, यहां विश्व का सर्वश्रेष्ठ पुस्तक भागवत गीता के विषय में सभी वृतांत का अध्ययन कराया जाएगा। विशेषकर उसमें निहित राजविद्या का ज्ञान कराया जाएगा। मंदिर के आसपास कई तकनीकी कॉलेज हैं। उनके विद्यार्थियों को भारत की वैदिक संस्कृति का ज्ञान कराया जाएगा।
इस्कॉन के क्षेत्रीय सचिव महामन दास ने मंदिर निर्माण के विषय में बताया कि, यह मंदिर लगभग पांच वर्ष में बनकर तैयार होगा। यह प्रदेश का तीसरा इस्कॉन मंदिर होगा। इसके पहले इंदौर और उज्जैन में इस्कॉन मंदिर हैं। महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि, इस्कॉन के माध्यम से भारत की वैदिक संस्कृति विदेशों में फैल रही है। इससे प्रभावित होकर विदेशी लोग भी भारतीय संस्कृति और आध्यात्म के मुरीद बन रहे हैं।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया