हिन्दू समाज में क्षोभ की लहर !
चेन्नई : भारतीय प्रशासनिक सेवा के भूतपूर्व अधिकारी ख्रिस्तोदास गांधी ने १८ अक्तूबर को तंदी समाचार वाहिनी पर आयोजित एक चर्चासत्र में ‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। मैंने श्रीराम की प्रतिमा को यदि जूते से मारा, तो भी मुझे कोई रोक नहीं सकता !’ इस प्रकार का निंदाजनक तथा अनादर करनेवाला वक्तव्य किया था।
इस के बाद हिन्दू समाज में बड़े क्षोभ की लहर उमड पडी। उसका निषेध कर ख्रिस्तोदास गांधी को तुरंत बंदी बनाया जाए, इस मांग को लोकर चेन्नई के वल्लूवर कोट्टम में अखिल भारतीय हिन्दू महासभाद्वारा २८ अक्तूबर को एक दिन का अनशन किया गया।
इस अनशन का प्रारंभ मातम्मल आश्रम के श्रीलक्षी ज्योतीवेल स्वामी के आशीर्वाद से हुआ। इस अनशन में सम्मिलित धर्माभिमानियों ने श्रीरामजी का जाप कर भजन गाए। इस अनशन में सम्मिलित होनेवाले मान्यवरों में हिन्दू मक्कल कच्छी के श्री. रामा रवीकुमार, भारत हिन्दू मुन्नानी के श्री. आर.डी. प्रभु, तमिलनाडू शिवसेना के प्रमुख श्री. राधाकृष्णन एवं धर्म सेवालय न्यासी संस्था के श्री. एथीराज का समावेश था।
हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती उमा रविचंद्रन ने अनशनकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘जिस देश में हिन्दू बहुसंख्यक हैं, उस देश में हिन्दुओं के देवताओं को अनादर किया जाना आश्चर्य की बात है ! ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु भारत में सनातन धर्म राज्य की स्थापना होना अत्यावश्यक है। उसके लिए सभी हिन्दुओं को संगठित होकर उनके सभी आंदोलनात्मक कृत्य धर्मानुसार करना आवश्यक है। जहां ईश्वरीय अधिष्ठान होता है, वहां निश्चितरूप से सफलता मिलती है, साथ ही उससे हमारी आध्यात्मिक उन्नति भी होती है !
श्रीमती उमा रविचंद्रन ने आंदोलन करनेवाली अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का अभिनंदन किया तथा श्रीलक्षी ज्योतीवेल स्वामीजी को भेंटस्वरूप वर्ष २०१७ का सनातन पंचांग प्रदान किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात