नई मुंबई महानगरपालिका की मुगलाई !
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‘एक लडाई ईश्वर के लिए’ इस लगन से ग्रामवासी एवं भक्तों की मंदिरों की रक्षा हेतू वैधता से लडाई !
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मंदिरों की रक्षा हेतू संघटित होनेवाले ग्रामवासियों का अभिनंदन !
नई मुंबई : नई मुंबई महानगरपालिका के अतिक्रमण विभागद्वारा महानगरपालिका क्षेत्र के २४ धार्मिक स्थलों को अवैधानिक सिद्ध कर उन पर कार्रवाई करने की सूचना (नोटिस ) दी गई है !
महानगरपालिकाद्वारा ‘अवैधानिक है’ ऐसे निर्माणकार्योँ में एक मस्जिद एवं एक दरगाह अंतर्भूत है, फिर भी अतिक्रमण विभागद्वारा केवल मंदिरों पर ही कार्रवाई आरंभ की गई है ! अब तक यहां के ३-४ मंदिरों को तोडा भी गया है। तो दूसरी ओर अवैधानिक मस्जिद एवं दरगाह के विरोध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है ! परंतु अवैधानिक ‘मस्जिद एवं दरगाह को अधिकृत किया जा सकता है’, ऐसी टिप्पणी प्रशासन ने की है !
मंदिर तोडने के संदर्भ में फटकारनेवाले भक्तों को यहां के ज्येष्ठ पुलिस अधिकारियों, ‘हमें कानून न सिखाएं’ एेसे उद्दंडता से उत्तर दिया ! (ये पुलिस भारत की ही है या पाकिस्तान की ! क्या, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार पुलिस एवं प्रशासकीय अधिकारियों ने कभी एक भी मस्जिद पर कार्रवाई की है ? कार्रवाई के संदर्भ में ऐसा पक्षपात करनेवाली पुलिस कानून एवं सुरक्षा का क्या, ख़ाक प्रबंध करेगी ? इस परिस्थिति को परिवर्तित करने हेतू व्यापक हिन्दू संगठन अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
इसलिए अब ‘एक लडाई ईश्वर के लिए’ इस लगन से सभी ग्रामवासी एवं भक्त मंदिरों की रक्षा हेतू सिद्ध हुए हैं ! यहां के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा ग्रामवासियों की इस लडाई को समर्थन घोषित किया गया है।
दान की गई भूमि पर का एक मंदिर ‘अवैधानिक’ बताकर उसे तोडा गया !
महानगरपालिकाद्वारा कोपरखैरणे के श्री. अभिजीत म्हात्रे की भूमि में अग्निशमन दल की सीमा में एक अवैधानिक हनुमान का मंदिर होने के संदर्भ में सूचना (नोटिस) दी गई है। इस पर श्री. अभिजीत म्हात्रे ने महानगरपालिका से विनती करते हुए कहा कि, यह मंदिर स्थानीय निवासियों का श्रद्धास्थान है ! भक्तों को दर्शन हेतू आने दें। मंदिर को न तोडा जाए। इस के स्थान पर मंदिर के पास की भूमि देता हूं ! फिर भी इस विनती को ठुकराते हुए महानगरपालिका ने सुबह ३ बजे मंदिर तोड डाला !
इस समय पुलिसद्वारा मंदिर के पुजारी एवं उनके सहयोगियों को गाडी में कैद कर के रखा था। स्थानिक किसी को संपर्क न करें इस हेतू उनके भ्रमणभाष भी नियंत्रण में लिये गये थे। महानगरपालिकाद्वारा जो भूमि ‘अग्निशमन दल की है’, ऐसा दावा किया जा रहा है, वह भूमि मूलतः श्री. अभिजित म्हात्रे के दादाजी की पैतृक भूमि है। इस मंदिर के राजस्व का भुगतान श्री. म्हात्रे करते हैं। उन्हों ने नि:शुल्क रूप से यह भूमि अग्निशमन दल को दान में दी थी। श्री. अभिजित म्हात्रे ने कहा कि, इस संदर्भ में किसी भी प्रकार से दस्तावेज का व्यवहार नहीं हुआ था।
इसका अपलाभ लेकर सिडको ने हमसे पूछे बिना ही यह भूमि परस्पर अग्निशमन दल के नाम पर की है ! (मंदिर की जगह दान देने के संदर्भ में कृतज्ञ रहना तो दूर, परंतु उलटे दाता की मंदिर को न तोडने की विनती भी ठुकरानेवाले संबंधित शासकीय अधिकारियों को ‘कृतघ्न’ ही कहना पडेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
जनता की मांग की ओर प्रशासनद्वारा अक्षम्य दुर्लक्ष !
नई मुंबई परिसर के २८ गावों में भूमि को संपादित करते समय इसके विरोध में यहां के स्थानिकों ने आंदोलन चलाया था। उस समय हर गांव की संपादित भूमि में साढेबारह प्रतिशत भूमि स्थानिकों को वापसी के रूप में लौटाने की नीति निश्चित की गई थी। इस साढेबारह प्रतिशत भूमि की पौने चार प्रतिशत भूमि गांव के गांव की सेवासुविधाओं के लिए उदा. मंदिर, चिकित्सालय, वाचनालय तथा व्यायामशालाओं के लिए देने का निश्चित किया गया था।
श्री. म्हात्रे ने बताया कि, हमने जिन मंदिरों को ‘अवैधानिक’ कह कर नोटिस दी गई उन मंदिरों की भूमि सेवासुविधाओं के लिए दी जानेवाली भूमि में अंतर्भूत करने की मांग की है; परंतु ग्रामवासियों की इस मांग को नई मुंबई महानगरपालिका एवं सिडकोद्वारा दुर्लक्षित किया जा रहा है !
जनभावनाओं की ओर लोकप्रतिनिधियों की भी अनदेखी !
ग्रामवासियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में न लेकर महानगरपालिकाद्वारा की जानेवाली इस कार्रवाई के संदर्भ में ग्रामवासियोंद्वारा तीव्र अंसतोष व्यक्त किया जा रहा है; परंतु यहां के एक भी लोकप्रतिनिधि ने इस समस्या के निवारण हेतू दायित्व नहीं लिया गया है। इस संदर्भ में ग्रामवासियोंद्वारा ‘केवल चुनाव के समय आनेवाले इन नेताओं को हमारी भावनाओं कदर ही नहीं’ ऐसी तीव्र भावनाएं व्यक्त की जा रही है !
हिन्दू संगठित होने के कारण ही वाशी के एक मंदिर पर हो रही कार्रवाई रुकी !
कौपरखैरणे का हनुमान मंदिर तोडने के पश्चात २१ अक्तूबर को सुबह वाशी जुहूगाव के सेक्टर ११ का हनुमान मंदिर तोडने हेतू नई मुंबई महानगरपालिका के अतिक्रमण विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर उपस्थित हुए। इस संदर्भ में ग्रामवासियों को पता चलते ही भक्त, हिन्दुत्वनिष्ठ एवं स्थानीय निवासी ऐसे सैकडों की संख्या में मंदिर स्थल पर संघटित हुए। उन्होंने दर्शाए विरोध के कारण महानगरपालिका यह मंदिर तोड नहीं सकी !
सिडको को भूमि के स्वामित्व का अधिकार देने की तैय्यारी दर्शाकर भी मंदिर तोडा गया ! – श्री. अभिजीत म्हात्रे, भूमि के मालिक
श्री. अभिजीत म्हात्रे ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि, जिस समय आसपास के मंदिरों को अवैधानिक के रूप में नोटिस दी गई, उस समय मेरी भूमि के संदर्भ में सूचना (नोटिस) नहीं दी गई थी। दान की गई भूमि पर अग्निशमन दल के कार्यालय का निर्माणकार्य हो रहा था। निर्माणकार्य पूरा होने पर मुझे मंदिर ‘अवैधानिक’ होने की सूचना (नोटिस) दी गई !
इस पर मैंने उनसे विनती की कि, भूमि का अधिकार देता हूं, परंतु भक्तों के दर्शन हेतू मंदिर को रहने दें’, किंतु इसे दुर्लक्षित कर मंदिर तोडा गया। (प्रशासकीय अधिकारी एवं पुलिस की कृतघ्नता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
सब संघटित हो कर संघर्ष करेंगे ! – श्री. मंगेश म्हात्रे, युवा प्रभारी, नई मुंबई, हिन्दू महासभा
मंदिर बचाने हेतू हम २८ गांव के सभी मंदिरों के न्यासियों ने संघटित हो कर ‘नई मुंबई मंदिर समिति’ स्थापित की है। इस समितिद्वारा ‘एक लडाई ईश्वर के लिए’ इस लगन से हम मंदिरों को बचाने हेतू संघटित साथ ही वैधानिक रूप से लडाई करेंगे। इस लडाई में प्रकल्पग्रस्त सभी सम्मिलित हुए हैं। अब तक परिसर के ४ मंदिरों में महाआरती का आयोजन कर हम इस संदर्भ में जागृति कर रहे हैं। इसके विरोध में संगठन, जात-पात तथा पक्ष को अलग रख कर सभी मिल कर संघर्ष करेंगे ! (मंदिरों की रक्षा हेतू संघटित होनेवाले हिन्दू बंधुओं का अभिनंदन ! सभी हिन्दुओं को धर्मरक्षा हेतू संगठित होनेवाले धर्माभिमानियों का आदर्श लेना चाहिए। हिन्दुओ, ऐसे आघातों को रोकने हेतू संघटित होकर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना यही एकमात्र उपाय है, यह ध्यान में लें एवं ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित होने हेतू कार्यरत हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात