बंगलूरू : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के टीपू सुलतान की जयंती मनाने के तर्क पर प्रश्न उठाया है। न्यायालय का कहना है कि, टीपू सुलतान स्वतंत्रता सेनानी नहीं था वह एक सम्राट था जिसने अपने हितों की रक्षा के लिए लडाई लडी।
एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसके मुखर्जी की पीठ ने कहा, टीपू जयंती मनाने के पीछे क्या तर्क है ?
टीपू स्वतंत्रता सेनानी नहीं एक सम्राट था जिसने अपने हितों की रक्षा के लिए विरोधियों से लडाई लडी। उन्होंने कहा कि, पिछले वर्ष जयंती मनाने का परिणाम कानून व्यवस्था की स्थिति के रूप में सामने आया था। जनहित याचिका में कर्नाटक सरकार के टीपू जयंती मनाने के कदम को चुनौती दी गई थी।
स्त्रोत : अमर उजाला