कोझिकोड : धार्मिक कारणों से एक नवजात को पैदा होने के २४ घंटे से ज्यादा देर तक मां के दूध से वंचित रखा गया, वह भी । यह मामला मुक्कम के ईएमएस अस्पताल का है। बच्चे के पिता अबूबकर ने ही अपनी पत्नी को बच्चे को दूध पिलाने से रोका था। पिता का कहना था कि, एक धर्मगुरु ने उन्हें कहा है कि, बच्चे के जन्म के बाद, जब तक पांचवीं अजान न हो जाए, बच्चे को दूध न पिलाएं।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने वाले राज्य आयोग ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि, मुक्कम के पास ओमासरी के रहने वाले अबूबकर ने अपनी पत्नी को बच्चे को दूध न पिलाने को कहा था। बच्चे का जन्म बुधवार दोपहर १.३० बजे हुआ था। पिता के अड़ जाने पर अस्पताल को पुलिस बुलानी पड़ गर्इ। पुलिस अफसरों ने भी अबूबकर को यह समझाया कि, बच्चे के लिए मां का दूध कितना आवश्यक है, पर वह नहीं माना। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि, बच्चे को गुरुवार शाम ७.३० बजे तक स्तनपान नहीं कराने दिया गया।
अस्पताल की संचालक राजिका कामत ने कहा, ‘वह शख्स जबरदस्ती शाम ७.३० बजे के आसपास अपनी पत्नी और बच्चे को अस्पताल से ले गया। हमें नहीं पता कि उसके बाद क्या हुआ। यहां तक कि उनके रिश्तेदार ब्लड शुगर चेक करने के लिए भी बच्चे को हमें सौंपने से मना कर रहे थे।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स