नर्इ देहली : भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने संस्कृत को अनिवार्य भाषा बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, संस्कृत को अनिवार्य भाषा बना देना चाहिए क्योंकि पूरे देश में हर भाषा में संस्कृत है। स्वामी रायपुर में बुधवार को एक व्याख्यान में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं चुनौतियां’ विषय पर बोल रहे थे।
स्वामी ने कहा कि, संविधान में कहा गया है कि, हिन्दी में संस्कृत के शब्दों का प्रयोग होना चाहिए। संस्कृत कंप्यूटर के लिए सबसे अनुकूल भाषा है। यह बात नासा ने भी मानी है।
गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि, जवाहर लाल नेहरू के खानदान में कोई भी १२ वीं पास नहीं कर पाया। नेहरू खुद केम्ब्रिज गए थे, पर फेल होकर लौट आए। जेएनयू का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस के नाम किया जाना चाहिए। सुभाष चंद्र पढे लिखे थे, नेहरू नहीं !
स्वामी ने तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन में लागू नहीं है तो यहां क्यों लागू हो। उन्होंने कहा कि, इंडिया इंडियन पीनल कोड लागू है जो सबके लिए समान है । अगर पुरुष तलाक तलाक तलाक बोल सकता है तो महिला क्यों नहीं। शरीयत में तो और भी प्रावधान है उसे भी लागू करो। जैसे- आंख के बदले आंख, चोरी के बदले हाथ काट दो !
स्त्रोत : अमर उजाला