ऐंचोड़ा कंबोह में प्रस्तावित श्री कल्कि मंदिर शिलान्यास का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी। श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से प्रशासन के नोटिस को चुनौती देते हुए सोमवार को याचिका दायर की गई। जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया। राज्य सरकार सहित छह लोगों को पार्टी बनाया गया है।
सोमवार को प्रस्तावित कल्कि मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश सपा अध्यक्ष शिवपाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई सियासी दिग्गज और सुधांशु जी महाराज, रामविलास वेदांती समेत कई संत मौजूद रहे। पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और उनके समर्थकों की मंदिर के विरोध में सड़क पर उतरने की धमकी के मद्देनजर टकराव और तनाव के चलते स्थानीय प्रशासन ने रविवार को शिलान्यास पर रोक लगा दी थी। प्रतिबंध के चलते शिलान्यास तो नहीं हो पाया लेकिन मंदिर के मॉडल का लोकार्पण किया गया। शिवपाल यादव वे रोक के लिए अपनी ही सरकार की ब्यूरोक्रेसी को कोसते हुए जल्द शिलान्यास की अड़चनें दूर करवाने का आश्वासन दिया।
दो माह पूर्व प्रस्तावित था शिलान्यास, प्रशासन का नोटिस १२ घंटे पहले
कल्कि पीठ के प्रवक्ता पंकज चाहल ने बताया कि प्रशासन ने शिलान्यास कार्यक्रम से १२ घंटे पहले नोटिस दिया। जिसके बाद शिलान्यास पर रोक लगाई गई। जबकि शिलान्यास कार्यक्रम दो माह पूर्व से प्रस्तावित है। इसी नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
स्त्रोत : अमर उजाला