क्रूरकर्मा टीपू सुलतान की जयंती के विरोध में हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों का आंदोलन
शिवमोग्गा : कर्नाटक सरकारद्वारा १० नवंबर को क्रूरकर्मा टीपू सुलतान जयंती मनाने के संदर्भ में नियोजन किया गया है। क्रूरकर्मा टीपू सुलतान जयंती उत्सव को विरोध करने हेतू यहां के हिन्दू संगठनोंद्वारा शिवमोग्गा में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ६ नवंबर को आंदोलन किया गया।
इस आंदोलन में अण्णा हजारे समिति, ब्लैक बॉईज फ्रेंड्स क्लब, शिवप्पा नायक अभिमानी बळगा, हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था आदि संगठन सम्मिलित हुए थे।
हिन्दू जनजागृति समिति के जिला समन्वयक श्री. प्रसन्ना कामत तथा सनातन संस्था की श्रीमती सौम्या मोगेर ने आंदोलन को संबोधित किया। (हिन्दुओं पर अनन्य अत्याचार करनेवाले क्रूरकर्मा टीपू सुलतान की जयंती को विरोध करनेवाले धर्माभिमानियों का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
क्षणिकाएं
१. हर मास में आंदोलन हेतू अनुमति प्राप्त करते समय आधें अथवा एक दिन में अनुमति मिलती थी क्रूरकर्मा टीपू जयंती के विरोध में आंदोलन हेतू अनुमति प्राप्त करने हेतू अनेक बार जाना पडा। तीन दिन तक प्रयास करने पर भी अनुमति नहीं मिली थी। आंदोलन के एक दिन पूर्व अनुमति मिली। (लोकतंत्र के नाम पर हुकुमशाही चलानेवाले कर्नाटक के क्रूरकर्मा टीपू सुलतान की वारिस रहनेवाली कांग्रेस की सरकार ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. पुलिस एवं गुप्तचर यंत्रणाद्वारा पूरे आंदोलन का ध्वनिचित्रीकरण किया गया। (यदि पुलिसद्वारा इतना समय जिहादी संगठनों का ऐसा चित्रीकरण करने एवं आतंकवादियों को ढूंढने में दिया गया होता, तो देश से आतंकवाद अबतक नष्ट हो गया होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
गदग में भी आंदोलन
लक्ष्मेश्वर : गदग जिले के लक्ष्मेश्वर में हिन्दू जनजागृति समिति एवं रणरागिणी संगठनों की ओर से ५ नवंबर को निदर्शन किए गए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्रीराम सेना के लक्ष्मेश्वर नगर अध्यक्ष श्री. प्रकाश मदलूर ने आरोप लगाया कि, मुसलमान समुदाय के इकगठ्ठा मतों के लिए राज्य सरकारद्वारा क्रूरकर्मा टीपू जयंती मनाई जा रही है।
धर्माभिमानी श्री. प्रेम शेट ने अपने संबोधन में कहा कि, क्रूरकर्मा टीपू सुलतान ने अनेक हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन किया तथा हिन्दुओं के मंदिर उद्ध्वस्त किए। सनातन संस्था की श्रीमती शोभा इटगी एवं रणरागिणी की कु. स्फूर्ती इन्होने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर ३५ से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे। आंदोलन समाप्ति पर क्रूरकर्मा टीपू सुलतान जयंती उत्सव रद्द करने की मांग करनेवाला एक ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री को देने हेतू यहां के तहसिलदार को प्रस्तुत किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात