आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
मुंबई – शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भाजपा को पीठ पर वार नहीं करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना भूमिपुत्रों और हिंदुत्व की रक्षा करती रहेगी, मगर भाजपा ने हिंदुत्व से नाता तोड़ा है और हिंदू उसे माफ नहीं करेंगे।’ पहली चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को गठबंधन टूटने की वजह बताया जा रहा है। पर भाजपा बताए कि आखिर वह क्यों सीट बढ़ाकर मांग रही थी ? क्या वह मंत्रालय में गोटी खेलने के लिए ज्यादा सीटे मांग रही थी।’ उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र में शिवसैनिकों के बल पर महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाकर दिखाऊंगा।
जनता बताएगी, छत्रपति किसके साथ
भाजपा के ‘छत्रपति का आशीर्वाद, चलो चलें मोदी के साथ’ नारे पर उद्धव ने कहा कि इस चुनाव में उनके साथ कौन है और कौन नहीं है? इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है। और महाराष्ट्र की जनता बताएगी कि छत्रपति का आशीर्वाद किसके साथ है। उद्धव ने भाजपा को निशाना बनाया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई झगड़ा नहीं होने की बात की। भाजपा नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा और डॉ. प्रीतम के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़ा करने की घोषणा भी की।
फायदे के लिए भाजपा ने किया हिंदुत्व का इस्तेमाल : शिवसेना
भाजपा ने जहां अपने पुराने सहयोगी शिवसेना के खिलाफ न बोलने की रणनीति बनाई है, वहीं शिवसेना लगातार उसपर निशाना साध रही है। अब उसने कहा है कि यह उसके नेता बाल ठाकरे थे जो हिंदुत्व के लिए खड़े हुए जबकि दूसरों ने इसका राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। इसमें भाजपा को केंद्र में सत्ता में लाने का श्रेय भी बाला साहेब को दिया गया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में ‘मुंह में राम बगल में छुरी के रुख वाले नेताओं पर हैरानी जाहिर की है। संपादकीय में चुनाव को आत्मसम्मान की लड़ाई बताया है। संपादकीय में चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि महाराष्ट्र को जीतने की इच्छा लेकर जो भी आए वे यहीं दफन हो गए। चाहे औरंगजेब हो या अफजल खान, जो भी स्वार्थ के साथ आए या तो दफन हो गए या नष्ट हो गए।
औरंगजेब ने मराठा शासन को उखाड़ फेंकने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया। औरंगजेब को धूल चाटनी पड़ी। महाराष्ट्र ने हमेशा राष्ट्र हित को तवज्जो दी है। जैसा औरंगजेब के मामले में हुआ, वैसे ही नए औरंगजेब भी परास्त हो जाएंगे।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर