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हिन्दुओं, आप के प्राणों पर आक्रमण करनेवाले धर्मांधों को निरंतर के लिए धाक जमाने के लिए संगठित रहें !
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लव्ह जिहादियों को विरोध करने का परिणाम !
वडगांवशेरी-पुणे : हिन्दुओं की रिक्शा में बैठकर युवतियों के साथ अश्लीलता का व्यवहार करनेवाले धर्मांधों को फटकारने वाले एक रिक्शावाले को धर्मांधों ने गज तथा ईट की सहायता से अमानवीय पिटाई करने की घटना घटी है !
९ नवम्बर को रात्रि ११.३० बजे घटी इस घटना में श्री. संदीप सदामत पर प्राणघातक आक्रमण करनेवाले धर्मांधों के गुंट ने श्री. सदामत के घर पर भी पथराव किया। इस पथराव के कारण श्री. सदामत के घर के कांच टूटे। साथ ही फूलों की कुंडिया एवं देवघर की भी तोडफोड की गई। श्री सदामत के परिवारवालों ने बताया कि, ‘नूरजहां तथा उसका परिवार पिटाई करने में अग्रेसर था !’
१. सोमनाथनगर के ‘धनलक्ष्मी हिन्द नूरे’ इस भवन में निवास करनेवाले श्री. सदामत हिन्दूत्वनिष्ठ, साथ ही श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान इस संगठन के कार्यकर्ता होने के कारण इस भवन में निवास करनेवाले धर्मांधों को श्री. सदामत के प्रति द्वेष था।
२. श्री. सदामत जिस स्थान पर उनकी रिक्शा खडी करते थे, उस स्थान पर कुछ धर्मांध वाहन में युवतियों के साथ बैठकर अश्लील व्यवहार करते हैं, इस बात का पता उन्हें स्थानीय निवासियों की ओर से चला था।
३. ९ नवम्बर की रात्रि धर्माधों को पूछने हेतु श्री. सदामत जब उस स्थान पर गए, तो १५-२० लोंगों के धर्मांधों के गुंट ने श्री. सदामत की पिटाई की। श्री. सदामत के सिर पर डंडे से प्रहार किया। पिटाई के कारण उनकी छाती एवं पैर को चोट पहुंची। उन्हें सोमनाथनगर के सह्याद्री रुग्णालय में प्रविष्ट किया गया।
४. उस समय श्री. सदामत के परिवारवालों ने जब १०० क्रमांक पर पुलिस से संपर्क किया, तो उन्हें किसी भी प्रकार का प्रतिसाद प्राप्त नहीं हुआ !
जन्महिन्दुओं की केवल दर्शक की भूमिका !
धर्मांधोंद्वारा अकारण हिन्दू परिवार को ही हमेशा लक्ष्य किया जाता है। उस समय भवन के अन्य जन्महिन्दु केवल दर्शक की भूमिका में थे ! (‘मुझे क्या उससे लेना’ तथा ‘मैं क्यों उनके झगडे में पडूं’ इस प्रकार की इनकी अलिप्त वृत्ती ही हिन्दुओं में संघटितता निर्माण करने में बाधा निर्माण करती है ! यदि धर्मांध उनके बांधवों के लिए इकट्ठा हो सकते हैं, तो हिन्दु क्यों नहीं हो सकते ? अन्याय का प्रतिकार करना, तथा अन्यायपीडित हिन्दुओं का साथ देना, यह कर्तव्य ही है, इस का भान रखकर हिन्दुओं को संगठित होना आवश्यक है; क्या, वे इस बात से अनभिज्ञ है कि, भविष्य में ऐसा समय कदाचित उन हिन्दुओं पर भी आ सकता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
धर्माधों का षडयंत्र !
इतना सब घटने के पश्चात भी नूरजहां तथा परिवार ने सोमनाथनगर पुलिस थाने में श्री. सदामत के ही विरोध में झूठा परिवाद प्रविष्ट किया ! उस समय धर्मांध मुसलमान अधिक संख्या में आकर पुलिस पर दबाव डालने का प्रयास कर रहे थे। उस संदर्भ में पुलिस ने अभीतक किसी पर भी अपराध प्रविष्ट नही किया है। केवल दोनों गुंट की ओर से लिखित कबुलजबाब प्राप्त किया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात