वाॅशिंगटन – अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। आव्रजन प्रणाली की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए उनकी टीम ने जो १० सूत्री योजना तैयार की है उससे इसके संकेत मिलते हैं।
सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया से जुड़े ट्रंप के दल (ट्रांजिशन टीम) ने शुक्रवार को बताया कि मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाना, कुछ देशों के लिए वीजा निलंबित करना और कानूनी आव्रजन व्यवस्था में सुधार इस योजना के दायरे में हैं।
एच-१बी वीजा पर नरमी के संकेत देते हुए टीम ने बताया कि कानूनी आव्रजन प्रणाली में जो सुधार होंगे वह अमेरिका और उसके श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इस वीजा में बदलाव होने पर सबसे ज्यादा भारतीय आइटी पेशेवरों के प्रभावित होने का अंदेशा था।
ट्रंप के नेतृत्व संभालने के बाद उनका प्रशासन जिन कामों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करेगा उनमें देश की दक्षिणी सीमा पर दीवार बनाना, अवैध प्रवासियों को पकड़ने और रिहा करने के सिलसिले को बंद करना, आपराधिक गठजोड़ों के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति बनाना, अवैध प्रवासियों को पनाह देने वाले शहरों का धन रोकना, असंवैधानिक कार्यकारी आदेशों को रद करना और सभी आव्रजन कानूनों को अमल में लाना शामिल है। बॉयोमेट्रिक एंट्री-एक्जिट वीजा ट्रैकिंग सिस्टम भी पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
प्रचार के दौरान मध्य-पूर्व और अफ्रीका के कई मुसलमान देशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि इन देशों से समुचित जांच के बिना ही वीजा जारी किए जाते हैं।
इसके अलावा गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे लोगों को निर्वासित किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि ऐसे लोगों को उनका देश स्वीकार करे। इसी साल भारत ने गैर कानूनी तरीके से अमेरिका गए अपने सैकड़ों लोगों को निर्वासित किए जाने के बाद स्वीकार किया था।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया