आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
दमिश्क/मुर्सितपिनर (तुर्की) – अमरीका और उसके अरब सहयोगी देशों द्वारा सीरिया में किए गए हवाई हमलों के बावजूद आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे है। सीरिया में कुर्दों क्षेत्र के शरणार्थियों ने बताया कि आतंकवादियों ने गांवों में आग लगा दी और बंधक बनाए लोगों के सिर कलम कर दिए। सीरिया में रह रहे कुर्द समुदाय के लोगों ने बताया कि अमरीकी हमलों के बाद से उत्तरी सीरिया में तुर्की सीमा के पास इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने अत्याचार और बढ़ा दिए हैं। आतंकवादी हमलों के मद्देनजर इस क्षेत्र से हाल ही में करीब एक लाख चालीस हजार नागरिक अपने घर छोड़कर दूसरे इलाकों में चले गए हैं। दूसरी ओर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कल संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा है कि वह इस्लामिक स्टेट के विरूद्ध कार्रवाई के लिए वैश्विक सहयोग हासिल करना चाहते हैं ताकि पश्चिम एशिया में आईएस आतंकवादियों के नेटवर्क को नेस्तनाबूद किया जा सके। इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले क्षेत्र से तुर्की में शरण लिए एक शरणार्थी हमीद ने कहा, हवाई हमले उतने महत्वपूर्ण नहीं हैं जितने जमीन पर सैनिकों का होना जरूरी है। सीरियाई सीमा को कल पार कर तुर्की में शरण ली हुई कोबानी शहर की एक अध्यापिका मजलूम बेर्गादन ने बताया कि हालात बहुत खराब हैं। उन्होंने कहा, लोगों को मारने के बाद आतंकवादी गांवों को जला रहे हैं। एक गांव पर कब्जा करने के बाद आतंकवादी सभी को डराने के लिए किसी एक का सिर कलम कर देते हैं। उन्होंने बताया कि वह उनकी संस्कृति और राष्ट्र को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। आईएस के आतंकवादियों और कुर्द समुदाय के लोगों के बीच र्तुी सीमा पर लड़ाई साफ पता चलती है जहां पहाडियों के बीच तोपों और गोलियों की आवाजें गूंजती सुनाई दे रही हैं। दुनियाभर में आतंक का पर्याय बन चुके आई एस आतंकवादियों के बढते कदम को रोकने को रोकने के लिए ओबामा ने हवाई हमले के पक्ष में कई दलीले दी। ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 40 मिनट के भाषण में कहा, इस तरह के हत्यारों को र्सि एक ही भाषा समझ में आती है जो ताकत की भाषा है और इसलिए अमरीका अपने सहयोगी देशों के साथ एकजुट होकर इस मौत के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करेगा।
स्त्रोत : देशबन्धु