इस्लामिक स्टेट समूह पाकिस्तान में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, उजबेक आतंकवादियों की भर्ती कर रहा है तथा असंतुष्ट तालिबान लड़ाकों को प्रलोभित कर पाकिस्तान के एक सबसे हिंसक अलगाववादी समूह के साथ भागीदारी कर रहा है। पाकिस्तान के पुलिस अधिकारी, तालिबानी अधिकारी एवं विश्लेषकों का यह कहना है। इसकी ताजा हिंसक कार्रवाई शनिवार (१२ नवंबर) को दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान में एक सूफी दरगाह पर हुआ हमला था जिसमें कम से कम ५० लोग मारे गए और १०० अन्य घायल हो गए। समूह ने एक बयान में कहा कि आत्मघाती हमलावर ने शिया मुसलमानों को मारने के मकसद से बम विस्फोट किया तथा उसने हमलावर की तस्वीर भी जारी की।
जब आयएस ने पिछले माह दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान में पुलिस अकादमी पर हुए घातक हमले के एक हमलावर की तस्वीर जारी की थी तो दो तालिबानी अधिकारीयों ने एसोसियेटेड प्रैस को बताया कि हमलावर एक उजबेक था जिसके इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेकिस्तान के सदस्य होने की प्रबल संभावना है। बलूचिस्तान में २६ अक्तूबर को पुलिस रंगरूटों पर हुए हमले में ६० से ज्यादा लोग मारे गए थे। बाद में तीनों हमलावरों ने खुद को भी उड़ा लिया था।
स्त्रोत : जनसत्ता