डॉ. जाकिर नाईक के इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर लगाए गए प्रतिबंध का स्वागत !
मुंबई : इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन के माध्यम से डॉ. जाकिर नाईक मुसलमान युवकों को आतंकी कार्रवाईयां करने हेतु प्रोत्साहित कर रहे थे, साथ ही विदेश से भारत में करोडों रूपए लाकर उससे गैर मुसलमानों का धर्मपरिवर्तन कर उनको भी आतंकवादी कार्रवाईयों की ओर मोड रहे थे। देश की शांति, सामाजिक सद्भाव एवं देश की सुरक्षा पर संकट उत्पन्न करनेवाले डॉ. जाकिर नाईक के इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर केंद्र शासनद्वारा लगाए गए प्रतिबंध का हिन्दू जनजागृति समिति स्वागत करती है !
अब बंदी बनाए जाने के भय से विदेश में छिपे डॉ. नाईक का प्रत्यार्पण कर उनपर कठोर कार्रवाई की जाए। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने एक विज्ञिप्तिद्वारा यह मांग की है। उसमें आगे यह कहा गया है कि, शासनद्वारा लिए गए इस निर्णय के कारण डॉ. नाईक तथा उनकी संस्था के माध्यम से होनेवाले आतंकी कार्रवाईयोंपर अंकुश लगेगा !
१. वर्ष २०१२ में डॉ. जाकिर नाईक ने हिन्दुओं की आराध्य देवताएं श्री गणेश एवं भगवान शिवजी के संदर्भ में अत्यंत आपत्तिजनक वक्तव्य दिए थे। उस समय सबसे पहले हिन्दू जनजागृति समिति ने समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को साथ लेकर उनके विरोध में एक देशव्यापी आंदोलन चलाया है !
२. हिन्दू जनजागृत्रति समिति ने डॉ. नाईक के आतंकी कार्रवाईयों में उसके सम्मिलित होने के संदर्भ में, साथ ही विश्वभर में उनपर लगाए गए प्रतिबंधों के संदर्भ में सभी प्रमाण एवं जानकारी एकत्रित कर तत्कालिन गृहमंत्री के पास प्रस्तुत की थी !
३. समिति के प्रयासों के कारण महाराष्ट्र में मुंबई, कोल्हापुर, अकोला एवं सावंतवाडी, इन चार शहरों में उन पर प्रथमदर्शी (FIR) अहवाल प्रविष्टि की गई थी; परंतु तत्कालिन काँग्रेस शासन ने जानबूझ कर एवं हेतु पूर्वक इसकी उपेक्षा की !
४. डॉ. नाईक की ‘पीस टीवी’ पर केंद्र शासन ने इसके पहले ही प्रतिबंध लगाया था, किंतु अपितु उसका चल रहा अवैध प्रसारण पूर्णरूप से बंद हो; इसलिए समिति निरंतर आवाज उठाती रही है। उसपर भी शासन तुरंत कार्रवाई करें, साथ ही हिन्दू जनजगृति समिति ने छोटे बच्चों के कोमल मनों को विद्वेषी शिक्षा से प्रभावित करनेवाले डॉ. नाईक के ‘पीस स्कूल’ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा की गई है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात