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२० साल पहले देहली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित की बेटी लतिका ने की थी इमरान से शादी

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देहली : पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित की बेटी लतिका के पति इमरान को न्यायालय ने पत्नी की जायदाद को हड़पने का प्रयास और चोरी के केस में जमानत देने से इनकार कर दिया और २ दिसंबर तक उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। २० वर्ष पहले १९९६ में लतिका ने सैयद मोहम्मद इमरान से विवाह किया था। पिछले १० महीने से दोनों अलग-अलग रह रहे थे।

लतिका ने इसी वर्ष जून में पति इमरान के विरुध्द पुलिस थाने में शिकायत की थी। उसमें लतिका ने यह कहा था कि, उनकी मां शीला दीक्षित जब २०१३ में देहली विधानसभा चुनाव हार गईं, उसके बाद इमरान का व्यवहार एकाएक बदल गया। इमरान लतिका के साथ क्रूर और आक्रामक बर्ताव करने लगे। लतिका घरेलू हिंसा की शिकार हुईं। इमरान लतिका को टॉर्चर करने लगे। लतिका ने पुलिस से कहा कि, एक बार इमरान ने उनकी जान लेने का प्रयास कीया। लतिका की शिकायत पर देहली पुलिस ने इमरान के विरुध्द घरेलू हिंसा, जायदाद हड़पने का प्रयास, चोरी और एडल्टरी का केस दर्ज कर लिया।

देहली पुलिस ने पिछले सप्ताह बेंगलुरू से लतिका के पति सैयद मोहम्मद इमरान को गिरफ्तार किया। लतिका की शिकायत पर पुलिस ने एक महिला को भी गिरफ्तार किया है। लतिका ने आरोप लगाया कि, इस महिला के साथ इमरान के पिछले दो वर्ष से अनैतिक संबंध हैं और पति उनको धोखा दे रहे हैं।

इमरान पर आरोप है कि, उन्होंने लतिका के नैनिताल की जमीन के कागजात हथिया लिए। पति पर चोरी का आरोप लगाते हुए लतिका ने कहा है, देहली में हैली रोड स्थित उनके मकान से जेवर के साथ अन्य कीमती सामान गायब हो गए। जब इस बारे में उन्होंने पति इमरान से पूछा तो उन्होंने धोखा देने वाले जवाब दिए। पुलिस का इस बारे में कहना है कि, इस केस के लिए पुलिस ने इमरान से बार-बार संपर्क किया और जांच के लिए देहली आने को कहा लेकिन वो नहीं आए। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर इमरान को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर देहली लाया गया।

देहली में सिटी न्यायालय ने मंगलवार को सैयद मोहम्मद इमरान को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। मजिस्ट्रेट ने इमरान की जमानत याचिका खारिज कर दी और २ दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जांच एजेंसी और लतिका के वकील ने इमरान की जमानत याचिका का न्यायालय में विरोध किया। जांच एजेंसी ने दलील दी कि, जमानत मिलने पर इमरान सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को धमका सकते हैं इसलिए उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

स्त्रोत : वन इंडिया

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