भोपाल में धर्मरक्षा संगठनद्वारा आयोजित बैठक में जनजागृति !
भोपाळ : प्राचीन काल में शिष्य अपना विद्याध्ययन पूरा होने के पश्चात अपने गुरु को कृतज्ञता के रूप में गुरुदक्षिणा देता था; परंतु वर्तमान विज्ञानयुग में पहले डोनेशन और उसके पश्चात एज्युकेशन, ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है ! आज की शिक्षा में ‘राष्ट्र एवं धर्म’ के संदर्भ में न सिखाए जाने के कारण हम अपना स्वाभिमान गंवा बैठे हैं। उसके कारण ही हिन्दू जनजागृति समिति धर्मशिक्षा देकर युवकों में स्वाभिमान जागृत करने का कार्य कर रही है। अतः हर हिन्दू को यह धर्मशिक्षा लेकर उसके अनुसार धर्माचरण करना चाहिए। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने ऐसा प्रतिपादन किया। वे यहां के धर्मरक्षा संगठनद्वारा वाजपेयी नगर में आयोजित की गई बैठक में बोल रहे थे। इस समय व्यासपीठपर समिति के मध्य प्रदेश समन्वयक श्री. योगेश व्हनमारे, धर्मरक्षा संगठन के अध्यक्ष श्री. विनोद यादव एवं भारतीय सैन्यदल में स्थित सैनिक श्री. केदार सिंह उपस्थित थे।
श्री. शिंदे ने आगे कहा कि, पहले सभी रोगों के लिए एक ही डॉक्टर होता था; परंतु अब प्रत्येक अंगों के अलग डॉक्टर होनेपर हम इसे विज्ञान की प्रगति मानने लगे हैं ! यही सूत्र यदि हिन्दू धर्म के लिए लागू किया गया, तो हिन्दुओं में पहले से ही ३३ करोड, अर्थात ३३ देवताएं हैं। इस हर देवता का कार्य अलग है। इससे हिन्दु धर्म में व्याप्त व्यवस्था कितनी शास्त्रीय है, यह ध्यान में आता है !
धर्मरक्षा संगठन के अध्यक्ष श्री. विनोद यादव ने कहा कि, हम हिन्दू जनजागृति समिति के साथ जालस्थल एवं सामाजिक माध्यमोंद्वारा जुड गए। समिति के कार्यकर्ता धर्मशिक्षा देने हेतु भोपाल आ गए; इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। यहां से आगे भी हम समय-समयपर समिति का मार्गदर्शन लेते रहेंगे !
क्षणचित्र
१. समिति के श्री. योगेश व्हनमारे ने उपस्थितों को समिति के कार्य से अवगत कराया।
२. कार्यक्रम स्थल पर सनातनद्वारा प्रकाशित विविध संदर्भों के ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
३. कार्यक्रम के पश्चात धर्मरक्षा संगठन की ओर से समिति के सभी सदस्यों को भगवे वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
४. कार्यक्रम का प्रारंभ निहित समय पर हुआ। सभी कार्यकर्ताओं में अनुशासन भी था। सभी ने अपने जूते एक पंक्ति में निकाले थे। बैठते समय भी सभी लोग एक पंक्ति में बैठे थे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात