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दिल्ली में लव जिहाद की शिकार बनीं चार युवतियां

आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६

नई दिल्ली – झारखंड के रांची से सुलगे लव जिहाद की आंच दिल्ली तक पहुंच गई है। पिछले एक महीने में राजधानी के विभिन्न इलाकों में लव जिहाद के चार मामले सामने आने से दिल्ली महिला आयोग व दिल्ली पुलिस सकते में हैं। दोनों ही विभागों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ऐसे मामलों पर कैसे रोक लगाई जाए। इसके लिए दिल्ली महिला आयोग ने लव जिहाद पीड़ित युवतियों को मुआवजा दिलाने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग व मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह के अनुसार पिछले एक महीने में इस तरह के चार मामले सामने आए हैं जहां धर्मांध युवकों ने हिंदू युवतियों से या तो शादी करके या फिर शादी का झांसा देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया और फिर उनसे रिश्ता खत्म कर लिया। कुछ मामलों में तो धर्म परिवर्तन करवाने के बाद युवकों ने शादी भी नहीं की।

पहला मामला नांगलोई का है। यहां एक युवक ने हिंदू युवती को प्रेम जाल में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया। दोनों के बीच अवैध संबंध भी बन गए। युवती जब उस पर शादी के लिए दबाव डालने लगी तब वह तरह-तरह की बहानेबाजी करने लगा। आखिरकार युवक ने युवती से यह कहकर शादी करने से इन्कार कर दिया कि उसकी मां इसके लिए तैयार नहीं है। कुछ दिनों बाद युवती को यह पता चला कि उसका प्रेमी शादीशुदा है। इस घटना के बाद युवती पूरी तरह टूट चुकी है, अब वह करे तो करे क्या? परिवार और समाज को भी इस बात का पता लग गया है। विकट स्थिति पैदा होने पर युवती ने आखिरकार दिल्ली महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया।

दूसरा मामला मदनपुर खादर का है। यहां रहने वाले एक मुस्लिम युवक ने युवती को प्रेम जाल में फंसाकर शादी कर ली। शादी के बाद युवती का धर्म परिवर्तन करवा दिया गया। उसके हाथों से मेंहदी छूटी भी नहीं थी कि किसी बात को लेकर मनमुटाव होने पर युवक ने युवती को छोड़कर अपने समुदाय की युवती से शादी कर ली। इसी तरह के दो मामले बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाके में भी सामने आए हैं।

बरखा सिंह ने कहा कि युवतियों के साथ इस तरह के मामले सामने आने से युवतियों व उनके परिवार के सामने बहुत विकट स्थिति पैदा हो जाती है। पिछले छह महीने में इस तरह के एक या दो मामले सामने आए थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने पांच साल पहले एक योजना शुरू की थी जिसमें इस तरह के मामलों में पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने की बात कही गई थी। फिलहाल इस योजना के तहत महिलाओं को मुआवजा नहीं दिया जा जा रहा है। आयोग ने ऐसी महिलाओं को प्रतिमाह १००० रुपये मुआवजा दिलाने के लिए उप राज्यपाल व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सिफारिश की है।

स्त्रोत : दैनिक जागरण

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