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हिन्दुत्वनिष्ठों का शासन होते हुए भी यदि हिन्दुत्वनिष्ठों के हत्यारों पर कार्रवाई ना हो, तो अपेक्षा किस से करें ? – श्री. अमोल कुलकर्णी

भोसरी (पुणे) में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’

आंदोलन में सम्मिलित हिंदुत्वनिष्ठ धर्माभिमानी

भोसरी (जनपद पुणे) : वामपंथियों की हत्याएं होनेपर विशेष जांच दल की स्थापना की जाती है, साथ ही सीबीआय जांच भी की जाती है ! उसी प्रकार हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याओं की भी जांच होनी चाहिये। हिन्दुत्वनिष्ठों का शासन होते हुए भी यदि हिन्दुत्वनिष्ठों के हत्यारों पर कार्रवाई नहीं होती, तो अपेक्षा तो किस से करें ? इन हत्याओं के संदर्भ में प्रसारमाध्यमों ने भी मौन धारण किया है। पूज्यपाद संतश्री आसाराम बापू साधक परिवार के श्री. अमोल कुलकर्णी ने ऐसा प्रतिपादन किया। २० नवंबर को यहांपर संपन्न ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में वे बोल रहे थे।

इस आंदोलन में २५० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे। इस समय आतंकवाद को प्रोत्साहन देनेवाले डॉ. जाकिर नाईक को भारत में लाया जाए तथा पीस स्कूल के सभी विद्यालयोंपर प्रतिबंध लगाया जाए, बंगाल में हिन्दुओंपर अत्याचार करनेवाले धर्मांधोंपर कार्रवाई की जाए। कर्नाटक एवं केरल में हो रही हिन्दू नेताओं की हत्याएं तथा इन आक्रमणों के पीछे व्याप्त षडयंत्र का केंद्रिय अन्वेषण विभाग की ओर से विस्तृत जांज की जाए, इन मांगों को लेकर यह आंदोलन किया गया।

आंदोलन के समय उपस्थित हिन्दुओं ने स्वयंस्फूर्ती के साथ आंदोलन में रखी गई मांगों का अनुमोदन दर्शाने हेतु ज्ञापनोंपर अपने हस्ताक्षर किए। इस आंदोलन में सामाजिक कार्यकर्ता श्री. कार्तिक स्वामी, श्री. बबनराव निकाळजे तथा श्री योग वेदांत सेवा समिति के अधिवक्ता गोडसे आदि मान्यवर उपस्थित थे।

अन्य मान्यवरों का मार्गदर्शन

हिन्दू जनजागृति समिति के आंदोलन का संपूर्ण समर्थन ! – श्री. गणेश लांडगे, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान

हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याओं की अक्षम्य उपेक्षा हो रही है तथा उससे समाज में मनमुटाव उत्पन्न हो रहा है। उसके लिए अनेक आंदोलन चलाकर भी प्रसारमाध्यम उनका संज्ञान नहीं लेते। हिन्दू जनजागृति समिति के इस आंदोलन को हमारा पूरा समर्थन है !

हिन्दूओं के संकट में होने के समय उनके साथ दृढता से खडा रहना चाहिए ! – श्री. तुकाराम पडवळे, भाजपा

आज हिन्दू संकट में फंस गया है। शासन को दृढता के साथ उसके साथ खडा रहना चाहिए। हमारे ही देश में हिन्दुओंपर अत्याचार होना दुर्भाग्यजनक है। मेरे संगठन की ओर से इस आंदोलन को पूरा समर्थन है !

हिन्दू नेताओं के हत्याओं के संदर्भ में केंद्र शासन हस्तक्षेप करें ! – श्री. शंभू गवारे, सनातन संस्था

केंद्र शासनद्वारा इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन संस्थापर प्रतिबंध लगाया जाना, अभिनंदन के योग्य कृत्य है; परंतु शासन को यही न रूकते हुए जाकिर नाईक जिस देश में छिपा है, वहां से उसको ढूंढकर लाए तथा उसकी कठोरता से जांच कर उसकर अधिकाधिक कठोर कार्रवाई करें। इस संगठन को मिलनेवाला पैसा कहां से आता है तथा उसका उपयोग कहांपर किया जाता है, इसकी भी विस्तृत जांच होनी चाहिए। हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याओं के प्रकरण में केरल का राज्य शासन ठोस कदम नहीं उठाता। ऐसी ही घटनाएं अब कर्नाटक एवं बंगाल में हो रही हैं। अतः केंद्र शासन को इसमें हस्तक्षेप कर दोषी वामपंथी एवं धर्मांधों को बंदी बनाएं।

हिन्दू नेताओं की हत्याओं के संदर्भ में केंद्र शासन सीबीआय जांच करें ! – श्री. नागेश जोशी, हिन्दू जनजागृति समिति

आज हिन्दु नेताओं की इतनी बडी मात्रा में हत्या होने के समय भी पुलिस एवं प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। अतः न्याय प्राप्त करने हेतु हमें सडकपर उतरना पड रहा है। मोदी शासन से हमारा यह अनुरोध है कि, इन हत्याओं के प्रकरण में विस्तृत सीबीआय जांच करें और इसमें जो दोषी होंगे, उनपर कठोर कार्रवाई हो। वामपंथियों की हत्याएं होनेपर उसकी बहुत प्रसिद्ध होती है; परंतु हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याओं के प्रकरण में किसी भी प्रसारमाध्यम को उसका कुछ नहीं लगता। गोरक्षक प्रशांत पुजारी की अत्यंत निर्मम हत्या की गई। उसके संदर्भ में किसी ने भी आवाज नहीं उठाई। मुसलमान पंथ के प्रचार हेतु स्थापित पीस टीवीपर हिन्दू देव-देवताओं का उपहास किया जाता है, यह भी रूकना चाहिये !

क्षणचित्र

१. अनेक युवकों ने आंदोलन के छायाचित्र निकालें !

२. कुछ नागरिकों ने आंदोलन स्थल पर रखी गई श्रीकृष्णजी की प्रतिमा को भावपूर्ण नमस्कार किया !

३. आंदोलन के मध्यभाग में प्रतिकात्मक रूप से हिन्दू नेता की हत्या होने का दिखाया गया था।

४. आंदोलनस्थलपर पीले एवं भगवे रंग के कपडे पहने हुए हिन्दुत्वनिष्ठों के कपडोंपर तथा वहां के फलकोंपर छोटे काले कीडे दिखाई गए; परंतु अन्य रंगों के कपडोंपर ऐसे कीडे नहीं थे। (इससे पीले एवं भगवे इन रंगों में व्याप्त सात्त्विकता ध्यान में आती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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