आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
दुबई – आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के ठिकानों पर बम बरसाकर पोस्टर गर्ल बनीं संयुक्त अरब अमीरात की पहली महिला पायलट से उनके परिवार ने कथित तौर पर नाता तोड़ लिया है। साथ ही ३५ साल की मेजर मरियम अल मंसूरी के परिवार ने सुन्नी आतंकवादियों की तारीफ करते हुए अपनी बेटी को कृतघ्न भी करार दिया है। रिपोर्टों के मुताबिक, मरियम के परिवार की तरफ से इस बारे में एक बयान जारी किया गया है। हालांकि, यह बयान असली है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि मरियम ने बीते हफ्ते लड़ाकू विमान एफ(F)-१६ से आईएसआईएस के ठिकानों पर बमबारी की थी। तब पश्चिमी जगत में उनकी काफी तारीफ हुई थी और उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
मरियम के परिवार का बयान
महिला पायलट के परिवार की तरफ से कथित तौर पर जारी बयान में कहा गया, “संयुक्त अरब अमीरात में हम मंसूरी परिवार सार्वजनिक तौर पर इस बात की घोषणा करते हैं कि हमने मरियम अल-मंसूरी से नाता तोड़ लिया है। साथ ही, हम उन सभी लोगों से खुद को अलग कर रहे हैं जो दोस्त समान सीरियाई लोगों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण अंतरराष्ट्रीय अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। हम अपने देशवासियों से अपील करना चाहते हैं कि मरियम अल-मंसूरी के कार्यों का जो परिणाम हो, उसे हम पर न थोपें। हम सीरिया में लड़ाई में शामिल सभी लोगों से कहना चाहते हैं कि वे एकजुट होकर शैतानी बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंकने का अपना एकमात्र मकसद बनाएं। हमारा परिवार उन लोगों पर गर्व महसूस करता है जिन्होंने इस्लामिक देश की रक्षा के लिए हथियार उठाया है।”
कौन हैं मरियम?
मरियम का जन्म अबु धाबी में हुआ है और वह संयुक्त अरब अमीरात की पहली महिला पायलट हैं। वह अपने माता-पिता की आठ संतानों में से एक हैं। मरियम लड़ाकू विमान पायलट बनने का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। हाल में ही उन्होंने कहा था कि शुरू से ही उनकी चाहत एक लड़ाकू पायलट बनने की थी। आठ भाई-बहनों में मरियम के अलावा दो और देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी बहन आयशा अल मंसूरी एक क्वालिफाइड एक(A)३२० फर्स्ट ऑफिसर हैं, जबकि भाई अलि अल मंसूरी अबु धाबी पुलिस डिपार्टमेंट में हेलिकॉप्टर पायलट हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर