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अहमदाबाद : अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) व अहमदाबाद अर्बन डिवेलपमेंट प्राधिकारी (एयूडीए) द्वारा अपनी आवास योजना को दिए हुए नाम चर्चा में आ गए हैं। वित्तीय तौर पर कमजोर वर्ग के लिए बनी इस आवास योजना में लगभग ८० प्रतिशत नाम भगवान कृष्ण या उनकी जगहों पर रखे गए हैं। वहीं, एएमसी ने भगवान शिव को प्राथमिकता देते हुए अपनी १२ आवास योजना का नाम उन पर रखा है।
वर्ष २००१ से अब तक ऑडा ने विभिन्न योजनाएं के अंतर्गत लगभग २० हजार घर बनाए हैं। इनमें से ६५ प्रतिशत योजनाएं का नाम नंदावन, वृंदावन, वृज विहार, गोकुल, वृज नगरी हैं।
इसी तरह एएमसी ने वर्ष २०१४ से अभी तक १२ योजनाएं के अंतर्गत २,३०० घर बनाए हैं। इन योजनाएं का नाम रामेश्वर, कोटेश्वर, भीमनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैजनाथ, सोमेश्वर, रुद्राक्ष, चांदेश्वर, सोमनाथ, करमुक्तेश्वर, नीलकण्ठ, शिव शक्ति है। बता दें कि, ये सभी नाम भगवान शिव से जुड़े हुए हैं।
४२ वर्षीय महबूब इसपर आपत्ती जताते हुए कहा कि, जब सभी धर्मों के लोगों को घर आवंटित हुए हैं, तो इन सभी हिंदू धर्म से जुड़े नाम क्यों दिए गए हैं ? यदि प्राधिकारी को नाम रखने ही थे, तो सभी धर्मों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
३७ वर्षीय शेख ने बताया कि, उन्होंने हमारी योजना का अभी तक कोई नाम नहीं रखा है, परंतु यदि उन्होंने हिंदू धर्म से जुड़ा कोई नाम रखा, तो हम प्रदर्शन करेंगे।
(केवल योजनाआें को हिन्दू देवताआें के नाम देने से धर्मांध आपत्ति जताते है, इससे उनके मन में कितना हिन्दुद्वेष भरा है, यह ध्यान में आता है – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
एएमसी हाउजिंग इंप्रूवमेंट कमिटी के चेयरपर्सन बिपिन पटेल ने इस पर कहा कि, हम शिवरात्रि के दिन लोगों को उनके सपनों के घरों की चाबी दे रहे थे, इसलिए शिव के नाम पर योजनाएं के नाम तय किए गए।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि, सरकारी योजनाएं का नाम पौराणिक, ऐतिहासिक चरित्रों के नाम पर होना चाहिए। वह बोले कि इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। वह बोले कि, कोई निजी मामलों में धार्मिक हो सकता है, सरकारी कामकाजों में नहीं। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हर्शिल नायक ने कहा कि, सरकार को केवल एक ही धर्म की चिंता नहीं होनी चाहिए, बाकी धर्मों के लिए भी समान रहना चाहिए।
स्तोत्र : नवभारत टाइम्स