कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय का बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराना अब अपराध होगा और इसके लिए आजीवन कारावास तक का दण्ड हो सकता है। सिंध प्रांत में गुरुवार को पारित इस कानून का उद्देश देश में रह रहे अल्पसंख्यकों को बलपूर्वक धर्म परिवर्तन से रोकना है। इस कानून में वैसे लोग जो धर्मपरिवर्तन करना चाहते हैं, उनके लिए २१ दिन का वेटिंग समय दिया गया है। कानून में कहा गया है कि, बलपूर्वक धर्म परिवर्तन को अपराध बनाना आवश्यक है ताकि अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार को रोका जा सके।
कानून में १८ वर्ष के कम आयु के लोगों के लिए धर्म परिवर्तन प्रतिबंध होगा। इस कानून में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करानेवालों के लिए न्यूनतम ५ वर्ष का दण्ड और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। सिंध प्रांत से एक हिन्दू सांसद नंद कुमार गोकलानी ने इस कानून को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, ‘हमने एक ऐतिहासिक कानून को पारित किया है। इससे अल्पसंख्यक हिंदुओं को सुरक्षा मिलेगी। अब हिन्दू पहले से ज्यादा सुरक्षित अनुभव करेंगे !’ गौरतलब है कि, पाकिस्तान के सिंध में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा रहा है। इस मुद्दे पर कई संगठनों ने आंदोलन किया।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स