आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५
फैजाबाद (उत्तरप्रदेश) – बच्चों को मिशनरी स्कूलों में जाने से रोकने के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) उत्तर प्रदेश के पिछड़े गांवों में एकल स्कूल खोलने के अभियान को तेज करने जा रही है। इसके तहत वीएचपी साल के अंत तक करीब एक लाख से ज्यादा एकल स्कूल खोलकर जनजागरण की रणनीति बना रही है।
खास बात यह है कि इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों से न तो फीस वसूली जाएगी और न ही उन्हें बस्ते का बोझ उठाना पड़ेगा। इस मकसद को पूरा करने के लिए वीएचपी के संयुक्त महामंत्री श्यामजी गुप्ता अहम भूमिका निभा रहे हैं। एकल अभियान को सशक्त बनाने के लिए वे ऐसे गांवों के दौरे पर हैं।
वीएचपी के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि सरकारी सुविधाओं से वंचित गांवों में मिशनरी स्कूलों द्वारा शिक्षा, चिकित्सा और सेवा के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। यहां तक कि इन्हें झांसे में रखकर धर्म बदलने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। ऐसे गांवों में एकल स्कूल के माध्यम से बच्चों और उनके माता-पिता को जागरूक और शिक्षित किया जाएगा।
फिलहाल, देशभर में ७० हजार एकल स्कूल संचालित हो रहे हैं, जहां कोई फीस नहीं वसूला जाता। इतना ही नहीं बच्चों मुफ्त में कॉपी-किताब भी दिए जाते हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स