धर्मरक्षा हेतु हिन्दू संतों को कार्यप्रवण होने की स्थिति उत्पन्न होना, हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद !
भाग्यनगर (हैद्राबाद) : हिन्दू धर्मपर हो रहे आघातों का सामना करना तथा धर्म की होनेवाली हानि को रोकने हेतु विशिष्ताद्वैत संप्रदाय के श्री श्री श्री चिन्ना त्रिदंडी श्रीमन्नारायणा जीयर स्वामीजी, श्रीपीठं कानीनाडा, भारत टुडे वाहिनी के प्रमुख श्री श्री श्री परिपूर्णांनद स्वामीजी एवं मंत्रालयम्, आंध्र प्रदेश के श्री सुबुधेंद्र स्वामीजी ने हालही में संयुक्त तत्वावधान में ‘हिन्दू धर्माचार्य प्रतिष्ठान’ नामक संस्था की स्थापना की। इसके उपलक्ष्य में स्थानीय ज्युबिली हिल्स क्षेत्र में हिन्दू धर्म से संबंधित कार्यरत संघटनों की एक बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में संस्था की नीति एवं स्वरूप को स्पष्ट किया गया। इस कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्रीमती विनुता शेट्टी एवं श्रीमती तेजस्वी वेंकटापूर, साथ ही विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधी उपस्थित थे।
धर्मविरोधियों का मुंह बंद करना हमारा कर्तव्य है ! – श्री श्री श्री परिपूर्णानंद स्वामीजी
केवल धर्म की रक्षा करने हेतु ३ संप्रदाय एक व्यासपिठपर एकत्रित हो गए हैं। हम सभी ने मिलकर यदि एक ही कामपर अपना ध्यान केंद्रित किया, तो शीघ्र ही हिन्दू धर्म की स्थिति में परिवर्तन हो सकता है !
वैष्णव संप्रदाय, शैव संप्रदाय, विशिष्ताद्वैत संप्रदाय अथवा चाहे कोई भी संप्रदाय हो, हम सभी का ‘हम हिन्दू हैं’, इस विचार से एक होना महत्त्वपूर्ण है। हम सभी हिन्दू धर्म हेतु कार्य करनेवाले हैं। आज के दिन जो धर्म के विरोध में कार्य चल रहा है, उसके संदर्भ में लोगों को जागृत करना है। हम हमारे देवी-देवताओं का अनादर सहन नहीं करेंगे। हमारे धर्म को जो विरोध करेंगे, उनको हम मुंहतोड उत्तर देंगे। आज जो हिन्दू धर्म के विरोध में बोल रहे हैं, उनका मुंह बंद करना हमारा कर्तव्य है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात