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४०० मंडलों को नोटिस
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१०० से अधिक परिवाद प्रविष्ट
हिन्दुओं के उत्सव मंडलों पर कार्रवाई करने में तत्परता दर्शानेवाली पुलिस मस्जिदों के संदर्भ में एेसी तत्परता क्यों नहीं दर्शाति ?
पुणे : उच्च न्यायालय के आदेश एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ध्वनिप्रदूषण करनेवाले शिवजयंती तथा गणेशोत्सव के साथ अन्य उत्सव मनानेवाले मंडलों पर पुलिस अपराध प्रविष्ट कर रही है। ४०० उत्सव मंडलों को ध्वनिप्रदूषण की नोटिस भेजी गई हैं एवं १०० से अधिक लोगों पर अभियोग प्रविष्ट किए गए हैं; परंतु उसी समय न्यायालयद्वारा मस्जिदों पर अवैधानिक भोंपू निकालने के भी आदेश दिए गए हैं। पुणे में तो एकेक मस्जिद पर १० से १२ भोंपू बजते रहते हैं; परंतु इस पर कार्रवाई करने में पुलिसकर्मी संकोच कर रहीं हैं। मस्जिदों के भोंपूओं को खुला छोड कर पुलिसकर्मी केवल हिन्दुओं के त्यौहारों को लक्ष्य कर रहे हैं, इसलिए कार्यकर्ता एवं हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से संतप्त प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही है।
गणेशोत्सव, शिवजयंती उत्सव, दहीहंडी के साथ अन्य त्यौहारों के समय मंडलों की ओर से पुलिस की अनुमति से ही स्पीकर लगाए जाते हैं, तथा शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। मंडल के अध्यक्ष, ढोल-ताशा पथक, ध्वनिक्षेपकवाले सभी को सूचनाएं दी गई हैं। संबंधित मंडलों पर उन्होंने ५५ डेसिबल से अधिक आवाज रख कर ध्वनिप्रदूषण करने का दोष लगाया गया है।
संबंधित मंडलोंद्वारा उचित स्पष्टीकरण देने पर भी यदि पुलिस को नहीं पटा, तो उस पर अभियोग प्रविष्ट किया जा रहा है। सार्वजनिक मंडलों में, इस कार्रवाई से क्रोध की लहर दौड़ रही है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात