अमृतसर : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि, वह देश तालिबान समेत कई आतंकवादी नेटवर्क को चोरी-छिपे समर्थन देकर उनके देश के विरुध्द ‘अघोषित जंग’ छेड रहा है। उन्होंने कहा कि, संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में भारत की बढती सहभागिता में कोई गुप्त समझौते नहीं हैं।
हार्ट ऑफ एशिया के छठे वार्षिक सम्मेलन में अपने संबोधन में गनी ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना की और कहा कि, आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से कौन लाभ प्राप्त कर रहा है, यह पता लगाने के लिए एक एशियाई या अंतरराष्ट्रीय प्रणाली बनाई जानी चाहिए जिसमें कोई खेल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, आतंकी ढांचे के विरुध्द ठोस कदम उठाने का समय आ गया है और तालिबान के एक शीर्ष कमांडर ने भी कहा था कि, अगर पाकिस्तान में आतंकी पनाहों को नहीं रहने दिया जाए तो संगठन एक महीने भी नहीं टिक पाएगा।
गनी ने कहा कि, पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के बावजूद अफगानिस्तान के सत्ता परिवर्तन पर ब्रशेल्स में हाल ही में हुए सम्मेलन के बाद ‘अघोषित जंग’ तेज हो गई है जो २०१४ की सर्दियों में छेडी गई थी।
सीमापार आतंकवादी हमलों से इनकार करने की पाकिस्तान की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए अफगान राष्ट्रपति ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली स्थापित करने की मांग की ताकि पिछले कुछ महीने में बढ गये ऐसे हमलों की हकीकत की पडताल की जा सके। उन्होंने आतंकवाद को रोकने के लिए एक वैश्विक कोष भी बनाने की मांग की।
गनी ने साफ साफ कहा कि एक एशियाई या अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, जो भी पाकिस्तान को स्वीकार्य हो, बनाई जानी चाहिए ताकि सीमावर्ती गतिविधियों और आतंकवादी अभियानों की पडताल की जा सके। हम आरोप-प्रत्यारोप नहीं चाहते। हम सत्यापन चाहते हैं। हम आतंकवाद से लडने के लिए एक निधि चाहते हैं। सम्मेलन का संयुक्त उद्घाटन गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया जिसमें ३० देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी शामिल हुए हैं।
गनी ने अफगानिस्तान के सत्तापरिवर्तन में भारत की भूमिका की सराहना की।
संदर्भ : न्यूज १८