मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में फिर से हिंदू मंदिरों में तोडफोड के दो मामले सामने आए हैं। रविवार को कुछ शरारती तत्वों ने काली देवी की सात प्रतिमाओं को तोड डाला। पहली घटना बांग्लादेश के उत्तरी नेत्रोकोना जिले के मिमेनसिंहरोही गांव की है, जबकि दूसरी घटना पबना जिले के बीरा इलाके की है। हाल ही में बांग्लादेश में १० से ज्यादा मंदिरों पर हमले की घटनाओं के बाद ये मामले सामने आए हैं।
बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक रविवार को नेत्रोकोना इलाके में स्थित मंदिर में कुछ शरारती तत्वों ने तोडफोड किया और काली माता की चार प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने बताया कि रविवार तडके नेत्रोकोना के मिमेनसिंहरोही गांव के लोगों को शरीफपुर काली मंदिर का दरवाजा खुला मिला और काली माता की चार प्रतिमाएं टूटी दिखीं। कुछ प्रतिमाएं मंदिर से करीब ६०० फुट की दूरी पर पडी मिलीं।
मामला सामने आने के फौरन बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा पश्चिमोत्तर पबना जिले में भी मंदिर में तडके तोडफोड की गई और काली माता की तीन प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
नेत्रोकोना सदर के थाना प्रभारी शाहनूर-ए-आलम ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का दौरा करके प्रतिमाओं के तोडफोड के सबूत जुटाए हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मंदिर के दरवाजे बंद नहीं थे। पुलिस इस घृणित वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की तलाश में जुट गई है।
इसके अलावा नेत्रोकोना के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अब्दुल मतीन ने भी घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि अपराधियों की पहचान करके कडी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक जयदेव चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। मामले की जांच की जा रही है।
वहीं, शरीफपुर काली मंदिर कमेटी के सचिव बादल घोष ने अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। इससे पहले अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में बांग्लादेश के ब्रह्मणबारहिया जिले के नसीरनगर में कम से कम छह हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई थी और कई मंदिरों में तोडफोड की थी।
संदर्भ : अमर उजाला