आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समितिकी सफलता !
मुंबई – हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा पंढरपुरके विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर देवस्थान समितिके भ्रष्टाचारके विरोधमें जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है । इस अवसरपर समितिद्वारा लगाए गए आरोपोंपर मुंबई उच्च न्यायालयद्वारा गंभीर रूपसे ध्यान दिया गया है । इस संदर्भमें देवस्थान समितिने प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत किया है । इस प्रतिज्ञापत्रमें कहा गया है कि न्यूनतम १ सहस्र एकड भूमिका स्वामित्व पुनप्र्रस्थापित करनेकी प्रक्रिया करनी है । मुख्याधिकारी संजय तेलीके पास राजस्व विभागके उपविभागीय अधिकारी एवं देवस्थान समितिके मुख्याधिकारी, ये दोनों ही पद हैं । इसलिए उनके लिए समय देना कठिन होनेके कारण देवस्थान समितिद्वारा शासनको पूरे समयके लिए मुख्याधिकारी नियुक्त करनेकी विनती की गई है । इस समय न्यायालयने समितिद्वारा याचिकाके साथ दिए सभी प्रमाणोंका गंभीर रूपसे पंजीकरण किया है ।
१. देवस्थान समितिको चाहिए कि वह उसके नियंत्रण से बाहरकी भूमि देवस्थान समितिके नामपर होने हेतु विभागके अधिकारियोंको निवेदन दे । ऐसा निवेदन आनेपर राजस्व विभागके अधिकारीको यथाशीघ्र प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए । इसलिए इस घोषणापत्रकी प्रति भी राजस्व विभागके अधिकारीको दी जानी चाहिए ।
२. देवस्थानके नामपर रहनेवाली भूमि खुली है अथवा उसपर अतिक्रमण हुआ है, देवस्थान समिति इसका प्रत्यक्ष पुनर्विलोकन करे ।
३. जबतक पूरे समयके लिए मुख्याधिकारीकी नियुक्ति नहीं होती, तबतक सोलापुरके जनपदाधिकारीको चाहिए कि यह कार्य पूर्ण करने हेतु देवस्थान समितिको मनुष्य बलकी पूर्ति करें ।
४. यदि इस भूमिपर अतिक्रमण नहीं है, तो देवस्थान समितिको तत्परतासे उस भूमिको बाढसे नियंत्रित करना चाहिए ।
६. देवस्थान समितिद्वारा कानूनकी कार्यवाहीके विषयमें क्या किया गया, सोलापुरके जनपदाधिकारीको २ दिसंबर २०१४ तक इस संदर्भमें विस्तृत प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करना चाहिए ।
७. देवस्थान समितिद्वारा उठाए गए कदमोंके संदर्भमें भी समितिको २ दिसंबर २०१४ तक प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करना चाहिए ।
ये सभी मांगें स्वीकार करते हुए मुंबई उच्च न्यायालयने इस याचिकाकी सुनवाई ८ दिसंबर २०१४ को रखी है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात