साहसी खेल, अफजलखान वधपर आधारित पथनाट्य एवं व्याख्यानों के माध्यम से जगाया गया धर्मतेज !
मुंबई : अफजलखान वध की घटना महाराष्ट्र के इतिहास में सुवर्णाक्षरों में लिखने जैसी घटना है । शिवाजी महाराजजी ने आतंकवाद को कैसे नष्ट किया जा सकता है, इसे इस घटना के माध्यम से प्रत्यक्षरूप से पूरे विश्व को दिखा दिया; परंतु अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाआें की रक्षा हेतु इस के पहले के पुरोगामी शासन द्वारा इस ऐतिहासिक घटना को विद्यार्थियों के इतिहास की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया । आनेवाली पीढी को संभवतः इस घटना की जानकारी भी नहीं होगी । शिवाजी महाराजजी द्वारा किए गए इस पराक्रम का शाश्वत स्मरण रहे; इसके लिए विगत ४ वर्षों से शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान संगठन की ओर से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन शिवप्रतापदिन मनाया जाता है । इस वर्ष भी मुंबई के लोअर परळ, दहिसर तथा नई मुंबई के कोपरखैरणे में शिवप्रतापदिन के उपलक्ष्य में साहसी खेल, व्याख्यान एवं अफजलखान के वधपर आधारित पथनाट्य प्रस्तुत किए गए ।
पू. भिडेगुरुजी द्वारा दिए गए लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रत्येक शिवप्रेमी कटिबद्ध हों ! – श्री. सागर चोपदार, मुंबई समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
आज हिन्दुआें की दयनीय स्थिति को देखते हुए हम सभी को संगठित होना आवश्यक है । श्री शिवप्रतिष्ठान की ओर से लिए जानेवाले ऐसे कार्यक्रमों द्वारा संगठन तथा शौर्यजागरण हो रहा है । इस माध्यम से समाज में छत्रपति शिवाजी महाराजजी के इतिहास के विषय में जागृति हो रही है । प्रत्येक शिवप्रेमी पू. भिडेगुुरुजी द्वारा दिए गए लक्ष्य की पूर्ति हेतु कटिबद्ध हों ।
कार्यक्रम हेतु अनुमति नकारनेवाली पुलिस का हिन्दुद्वेष !
दहिसर (पूर्व) मेें होनेवाले कार्यक्रम के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा अनुमती नही दी गई । पुलिस उपायुक्त किरणकुमार चव्हाण से भेंट करनेपर अनुमति दी गई । (शांति के मार्ग से कार्य करनेवाले हिन्दुआें को अनुमति नकारनेवाली पुलिस उन्मत्त धर्मांधों को खुली छूट देते हैं ! क्या यह पुलिस का हिन्दुद्वेष नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात