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राष्ट्र एवं धर्मपर होनेवाले आक्रमण रोकनेके लिए युवकोंका प्रभावी संगठन खडा होना चाहिए ! – प्रमोद मुतालिक

आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६

श्रीराम सेनाद्वारा हिन्दू धर्म इतिहास अभ्यास परिषद !

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 बार्इं ओरसे अधिवक्ता चेतन मणेरीकर, श्री. प्रमोद मुतालिक एवं श्री. रमेश शिंदे

निपाणी (जनपद बेळगाव, कर्नाटक)– यहांके अक्कमरादेवी कल्याण मंडपमें श्रीराम सेनाद्वारा २९ सितंबरको एकदिवसीय हिन्दू धर्म इतिहास अभ्यास परिषद आयोजित की गई । इस अवसरपर मार्गदर्शन करते हुए श्रीराम सेनाके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिकने कहा कि संगठित होते समय हमें इसके पीछेका उद्देश्य जान लेना चाहिए । संगठनका उपयोग देवी-देवता, देश एवं धर्मकी रक्षा करने हेतु करना चाहिए । देशमें आतंकवाद, भ्रष्टाचार, लवजिहाद, धर्मपरिवर्तन, गोहत्या तथा शासकीय एवं प्रगतिशील व्यक्तियोंद्वारा धर्मपर होनेवाले आक्रमण रोकनेके लिए प्रभावी एवं सक्रिय हिन्दू युवकोंका एक संगठन खडा करना चाहिए । इस समय हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषदके अधिवक्ता चेतन मणेरीकरने भी मार्गदर्शन किया । दीपप्रज्वलनके उपरांत छत्रपति शिवाजी महाराज एवं भारतमाताकी प्रतिमाको पुष्पमाला चढाकर परिषदको आरम्भ किया गया । इस अवसरपर श्री. मुतालिकने आगे कहा कि लवजिहादसे हिन्दू युवतियोंकी रक्षा करने हेतु ध्यान देना चाहिए । शास्त्रके साथ अब शस्त्रोंकी भी पूजा करनी चाहिए । आयुधकी पूजा करनेपर ही कल हम सब दशहरा मनाएंगे ।

छत्रपति शिवाजी महाराज समान शत्रुपर धाक जमाने आनी चाहिए ! – रमेश शिंदे

श्री. रमेश शिंदेने कहा कि आजके कार्यक्रममें भारी संख्यामें लोगोंकी उपस्थिति देखकर स्पष्ट होता है कि निपाणीमें हिन्दुत्व जागृत है । ओडिशा राज्यमें सोमनाथ मंदिर एवं जगन्नाथ मंदिरको काळा पहाडने १७ बार तोडा था । १८ वीं बार ओडिशाके सभी लोगोंने पहाडसे सुरक्षा करने हेतु छत्रपति शिवाजी महाराजसे मांग की । उस समय छत्रपति शिवाजी महाराजने पुणेसे संदेशा भेजा कि सोमनाथ मंदिर एवं जगन्नाथ मंदिरपर हमारी सुरक्षा है, जिसके कारण काळा पहाड वहां आया ही नहीं । राष्ट्र एवं धर्मके शत्रुओंपर ऐसी धाक जमाने आनी चाहिए ।

अधिवक्ता चेतन मणेरीकरने, संगठनात्मक कृत्य करते समय आनेवाली वैधानिक अडचनोंका सामना कैसे करें, निवेदन देना, पुलिस थानेमें परिवादकी प्रविष्ट किस प्रकारसे करना, उसमें आनेवाली समस्याओंका सामना कैसे करना, गोहत्याको रोकनेके लिए कानूनकी सहायता किस प्रकार लें, लोकतंत्रमें वैधानिक मार्गसे लडाई कर उसमें सफलता वैâसे प्राप्त करें, इसके साथ अन्य विषयोंपर मार्गदर्शन किया । तत्पश्चात दोपहरके सत्रमें चर्चासत्र आयोजित किया गया । इस अवसरपर वैधानिक अडचनोंके विषयमें विचार-विमर्श किया गया ।

कार्यक्रमका सूत्रसंचलन श्री. राजेश आवटेने किया । इस अवसरपर श्रीराम सेनाके अधिवक्ता श्री. नीलेश हत्ती, सर्वश्री सागर लोखंडे, बसवराज कल्याणी, श्रीनिवास चौहान, उत्तम कमते, राजू कोपर्डे, अजीत पाटिल, अविनाश शहा, अमोल सूर्यवंशीके साथ अक्कोळ, नांगनूर, पट्टणअडी, ममदापुर, जत्राट, गायकणवाडी, कोडणी, यमगर्णी एवं निपाणी परिसरके युवक भारी संख्यामें उपस्थित थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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