धर्म के लिए सर्वस्व अर्पण करने का डायगवाण वासियों का (संभाजीनगर) निश्चय !
डायगवाण (संभाजीनगर) : रणारागिणी शाखा की महाराष्ट्र राज्य संगठक कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर ने अपने मार्गदर्शन में प्रतिपादित किया कि, ‘धर्महानी के साथ सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को प्रतिबंधित करना ही समय की आवश्यकता हुई है । उसके लिए ही हमें संगठित होकर भ्रष्टाचार का सामना अन्य भी सर्व सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को प्रतिबंधित करने हेतु सिद्ध रहना होगा । हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों की अपकीर्ति, हिन्दूत्वनिष्ठ नेताओं की हत्या, गोहत्या, धर्मपरिवर्तन के समान हिन्दू धर्म पर आनेवाली आपत्ति प्रतिबंधित करने हेतु अब हिन्दु राष्ट्र की स्थापन करना अनिवार्य हुआ है । उसके लिए ही अब हिन्दुओं को राष्ट्ररक्षा हेतु छत्रपति शिवाजी महाराज के मावळों के समान सिद्ध होना चाहिए ।’ डायगवाण में ११ दिसम्बर के दिन संपन्न हुई सभा के पश्चात् कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर के आवाहन को प्रतिसाद देते हुए डायगवाण के युवकों ने यह निश्चय किया कि, ‘डायगवाण गांव का प्रत्येक युवक हिन्दु राष्ट्र स्थापना हेतु अब सिद्ध रहेगा ।’
ह.भ.प. छत्रगुण महाराज के हाथों दीपप्रज्वलन किया गया, साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पण किया गया। उस समय ह.भ.प. छत्रगुण महाराज तथा रणरागिणी शाखा की श्रीमती कल्पना देशपांडे ने भी मार्गदर्शन किया । इस सभा के लिए ३२५ से अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।
महिलाओं को स्वसंरक्षण हेतु सिद्ध रहना आवश्यक ! – श्रीमती कल्पना देशपांडे, रणरागिणी
वीरता तथा तेजस्वी पराक्रमों की परंपरा रहनेवाले हिन्दुओं की सद्यस्थिती अत्यंत दुःखदायक है । महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार प्रतिदिन बढते जा रहे हैं । इस स्थिती में अब महिलाओं को ही स्वसंरक्षण करने हेतु सिद्ध रहना चाहिए । उसके लिए आज सभी को स्वसंरक्षण विद्या सीखने की आवश्यकता है । उसके लिए ही हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित महिला शाखा रणरागिणी के माध्यम से हिन्दु महिलाओं को, युवतियों को स्वसंरक्षर प्रशिक्षण दिया जाता है ।
क्षणिकाएं
१. ठंड अधिक होते हुए भी ग्रामस्थ अधिक संख्या में सभा के लिए उपस्थित थे । उस में महिलाएं भी उत्स्फूर्त रूप से सम्मिलित हुई थी ।
२. पिंपरीराजा तथा घारेगांव इन दो गांवों में समिति की ओर से आरंभ किए गए धर्मशिक्षण वर्ग के ९ धर्मप्रेमी युवक इस सभा के आयोजन
कार्य में सक्रिय सम्मिलित हुए थे ।
३. गांव के युवक भी स्वयं नेतृत्व कर इस सभा के आयोजन में सम्मिलित हुए थे । साथ ही सभा के प्रसार हेतु गांव में एक दिन पूर्व
पदफेरी का भी आयोजन किया गया था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात