Menu Close

उज्जैन के कार्तिक मेले में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जनजागृति !

ग्रंथ प्रदर्शनी का लाभ लेते हुए जिज्ञासू

उज्जैन (मध्य प्रदेश) – यहां की महापालिका की ओर से प्रतिवर्ष होनेवाले विख्यात कार्तिक मेले में ८ से ११ दिसंबर की अवधि में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से प्रदर्शनी द्वारा जनजागृति की गई । इसके लिए मेले में एक कक्ष खडा कर उसमें आचारधर्म, राष्ट्र-धर्म, धर्मशिक्षा, हिन्दू राष्ट्र इत्यादि विषयोंपर फ्लेक्स फलक लगाए गए । साथ ही संस्था द्वारा प्रकाशित विविध विषयों के ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों का बिक्रीकेंद्र भी लगाया गया था । इस प्रदर्शनी के लिए जिज्ञासुआें द्वारा स्वयंस्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ । इस प्रदर्शनी को लगाने हेतु महापालिका की महापौर श्रीमती मीना जोनवाला, सभापति श्री. सोनू गेहलोत, आयुक्त श्री. सुबोध जैन एवं श्री. धीरज श्रीवास्तव ने सहयोग दिया ।

अभिप्राय

मैने गतवर्ष के कार्तिकमेले में सनातन की प्रदर्शनी देखी थी और मैं तब बहुत प्रभावित हुआ था । अन्य कहींपर भी इस प्रकार का ज्ञान नहीं मिलता । साधना के विषय में इतनी सुलभ और सीधी जानकारी मिलने से मुझे बहुत आनंद हुआ । उस समय यहां से क्रय किया हुआ ‘सनातन नीम साबुन’ मेरे त्वचारोग के लिए अत्यंत गुणकारी सिद्ध हुआ । तब मैने यह विचार किया कि, यदि जिस संस्था का उत्पाद इतना अच्छा है, तो उस संस्था के विचार कितने अच्छे होंगे ! तब से संस्था के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने का मैं प्रयास कर रहा हूं । – श्री. राहुल जोशी, विद्यार्थी, विधि शाखा, उज्जैन

सनातन संस्था द्वारा विविध स्थानोंपर दीवारोंपर किए जानेवाले जागृति हेतु लेखन को मैं कुंभमेले के समय से पढ रहा हूं । इस लेखन को पढकर मैं बहुत प्रभावित हुआ । मुझे हिन्दू धर्म के विषय में जान लेने की बहुत जिज्ञासा है । वह इस संस्था के माध्यम से पूरी होगी, ऐसा लगता है । – श्री. किरण यादव, उज्जैन 

गतवर्ष सनातन की प्रदर्शनी देखने के पश्‍चात हमने धर्माचरण करना प्रारंभ किया, साथ ही नामजप भी प्रारंभ किया । उसके कारण अब हमें धर्माचरण में व्याप्त आनंद प्राप्त हो रहा है । नए-नए विचार सिखने मिल रहे हैं । – श्री. संजय यादव एवं श्री. शैलेंद्र दवे, उज्जैन

क्षणचित्र

१. अनेक अभिभावकों को इस प्रदर्शनी को देखकर आनंद प्रतीत हुआ । ‘आज की पीढी धर्माचरण के विषय में उदासीन है । इस प्रकार की जागृति के माध्यम से वह धर्माचरण करना आरंभ कर देगी’, यह विश्‍वास भी अभिभावकों ने व्यक्त किया ।

२. अनेक युवकों ने प्रदर्शनी कक्ष आकर नमस्कार करने से होनेवाले लाभ, नीचे बैठकर भोजन करने से होनेवाले लाभ इत्यादि के विषय में अपने मन में व्याप्त शंकाआें का निराकरण कर लिया, साथ ही उन्हों ने जालस्थल के माध्यम से जानकारी मिलने हेतु अपनी नामप्रविष्टि की ।

३. ‘विश्‍व में आज एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है; इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहिए ।’ प्रदर्शनी में लगाए गए इस फलक को पढकर अनेक लोगों ने ‘ऐसा होना ही चाहिए’, ऐसी स्वयंस्फूर्त प्रतिक्रियाएं व्यक्त की ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *