कराची : धर्मांतरण को अपराध ठहराने वाले विधेयक को हाल ही में यहां की विधानसभा ने मंजूरी दी थी। दो कट्टर इस्लामिक पार्टियों की ओर से इस कानून का विरोध किए जाने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। दोनों कट्टर पार्टियों ने यह कहते हुए बिल का विरोध किया था कि इस्लामिक देश को धर्म निरपेक्ष और लिबरल बनाने की साजिश रची जा रही है।
सिंध प्रांत के संसदीय कार्य मंत्री निसार अहमद खुहरो ने शुक्रवार को बताया सिंध क्रिमिनल लॉ, २०१५ को गवर्नर की मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। उनकी ओर से इस विधेयक को मंजूरी मिले या फिर नहीं, किंतु विधानसभा में इसे संशोधित किया जाएगा। खुहरो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सिंध सूबे के अध्यक्ष भी हैं। खुहरो ने कहा कि धार्मिक उपदेशों के अनुसार किसी के भी धर्म को बलपूर्वक नहीं बदलवाया जा सकता।
मंत्री ने कहा कि १८ साल से कम उम्र के व्यक्ति के विवाह पर पहले से ही प्रतिबंध है। बलपूर्वक धर्मांतरण और १८ साल से कम उम्र में विवाह कराना शरीयत के विरुद्ध है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स