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पश्चिम बंगाल : धूलागढ में सांप्रदायिक हिंसा के बाद आगजनी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हावडा जिले में स्थित धूलागढ में एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा में २५ से अधिक लोग घायल हो गए है ।

बता दें कि मिलाद उन नबी के अवसर पर कुछ असामाजिक तत्वों ने एक धर्म के लोगों के घरों पर हमला कर आगजनी की थी और जमकर उत्पात मचाया था। जिससे सैकडो परिवार बेघर हो गए। स्थानीय लोगों की मानें तो उनके घरों पर देसी बमों से हमला कर आगजनी की गयी। आगजनी पर काबू पाने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस द्वारा उत्पातियों पर आंसू गैस के गोले छोडे गए और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पडा।

बंगाल में हिंदुओं को निशाना बना रही है तृणमूल : भाजपा

हावडा के धूलागढ में चल रही हिंसा पर बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जिन जगहों पर भाजपा मजबूत होती दिख रही है वहां तृणमूल के लोग हिंसा फैला रहे हैं। सत्तारूढ दल भाजपा के समर्थकों को डराने की कोशिश कर रहा है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने के लिए तुष्टीकरण में लिप्त हैं। उन्होंने हावडा जिला भाजपा को मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग से करने का निर्देश दिया है ।

धूलागढ में भाजपा प्रतिनिधिमंडल को रोका

भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को धूलागढ में हिंसा पीडित परिवारों से मिलने पहुंचा। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि यहां पुलिस कर्मियों ने उन्हें पीडित परिवारों से मिलने से रोका। हालांकि कुछ ग्रामिणों ने उनसे बातचीत की। पीडित परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे सुरक्षा के अभाव में अपने घर नहीं जा पा रहे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मदारीहाट से भाजपा विधायक मनोज टिग्गा ने कहा कि हम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील करते हैं कि वह हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर उन पर सख्त कार्रवाई करें एवं हिंसा पीडितों को सुरक्षा मुहैया करा उनके पुनर्वासन की व्यवस्था करें।

पिलखाना में तनाव बरकरार

पिछले दो दिनों से उत्तर हावडा के पिलखाना इलाके में व्याप्त तनाव बरकरार है। रविवार की रात कुछ उपद्रवियों ने एक खास समुदाय के लोगों के मकानों में हमला कर तोडफोड की। इसके बाद से लोग दहशत में आ गये। सूचना पाकर मौके पर पुलिस व आरएएफ को उतारा गया। इलाके में धारा १४४ लागू की गयी है। बताया गया है कि मंगलवार सुबह फिर से उपद्रवियों ने लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद मौके पर काफी संख्या में आरएएफ, कॉमबैट फोर्स व पुलिस को उतारा गया।

पीडित लोगों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। यही कारण है कि उनका मनोबल बढ रहा है। मंगलवार सुबह से इलाके की स्थिति बिगडने के बाद से पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। पुलिस की तैनाती तक लोग सुरक्षित हैं। पुलिस के हटने के बाद फिर से लोगों पर हमले हो सकते हैं। इस बात को लेकर पीडित परिवार व लोग काफी सहमे हुए हैं।

संदर्भ : जागरण

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