कार्तिक कृष्ण 10, कलियुग वर्ष 5114
हिंदुओ, सरकारद्वारा कानून बनाए जानेके उपरांत भी उसके क्रियान्वयन हेतु प्रयास करें !
२. उस समय गृहमंत्री रा.रा. पाटीलने कानून बनाने हेतु प्रयास करनेका आश्वासन दिया था । राज्यमंत्री सतेज पाटीलकी उपस्थितिमें मंगलवारको हुई बैठकमें गृह मंत्रालयद्वारा बलपूर्वक किए जानेवाले धर्मपरिवर्तनको प्रतिबंधित करनेके संदर्भ में प्रस्तावित कानूनका प्रारूप बनाया गया है ।
३. यह प्रारूप विधि एवं न्याय मंत्रालयमें मान्यता प्राप्ति हेतु भेजा गया है ।
४. इस विषयमें श्री. मुनगंटीवार बोले, ‘‘यद्यपि सरकारद्वारा कानून प्रस्तावित किया गया है, फिर भी उसपर अंतिम निर्णय होकर वह कब तक लागू होगा, इसकी प्रतीक्षा करनी पडेगी ।’’( मुनगंटीवारद्वारा कानूनका प्रारूप सिद्ध करवाने हेतु किए गए प्रयास प्रशंसा योग्य है । यह कानून सिद्ध होकर लागू होनेतक हिंदुओंको उनके समर्थनमें खडे रहना चाहिए !- संपादक )
ईसाई धर्मप्रसारकोंको प्रतिवर्ष विदेशसे आते हैं एक सहस्र कोटि (करोड) रुपए !
धर्मप्रसारके लिए ईसाई मिशनरियोंके माध्यमसे महाराष्ट्रमेंजो कार्य होता है उसके लिए प्रतिवर्ष विदेशसे एक सहस्र कोटि रुपये आते हैं । बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन करवानेवालोंके विरोधमें संज्ञेय अपराध प्रविष्ट किया जाएगा
ओडीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान,हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड इत्यादि प्रदेशोंमें इस प्रकारका कानून बनायागया है । उसी आधारपर महाराष्ट्रमें भी यह कानून प्रस्तावित किया गया है ।बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन करवानेवालोंपर संज्ञेय अपराध प्रविष्ट कर तीनसे पांच वर्षोंका कारावास तथा एक लाख रुपयोंतक दंड देनेका प्रावधान किया जाएगा। ( यह कानून सुचारु रूपसे लागू करनेके लिए प्रथम कांग्रेसी सत्ता हटाना आवश्यक है । – संपादक )
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात