चेरत्तला (केरल) : यहां के कडविल श्री महालक्ष्मी मंदिर में १५ से २५ दिसंबर की अवधि में कनकधारा महायज्ञ एवं दशलक्षार्चन किया जानेवाला है । इस उपलक्ष्य में २० दिसंबर को हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें को वहांपर प्रवचन देने का अवसर मिला । समिति की ओर से कु. आदिती सुखटणकर ने धर्माचरण इस विषयपर प्रवचन दिया । आज प्रत्येक व्यक्ति, समाज एवं हिन्दू धर्म की स्थिति बहुत ही दयनीय है । इसका कारण अधर्माचरण है तथा उसे दूर कर धर्मपर व्याप्त ग्लानी दूर करने हेतु धर्माचरण ही आवश्यक है, ऐसा कु. आदिती सुखटणकर ने कहा । धर्माचरण की कुछ सुलभ पद्धतियां, जैसे शास्त्रानुसार देवालय में दर्शन करना, कुंकुम लगाने की पद्धति, समय के अनुसार कुलदेवता एवं दत्त के नामजप का महत्त्व के विषय में भी बताया गया । २५० श्रद्धालुआें ने इस प्रवचन का लाभ उठाया ।
क्षणचित्र
१. प्रवचन के स्थानपर सनातन के सात्त्विक उत्पाद एवं ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई थी । श्रद्धालुआें ने इसका अच्छा प्रत्युत्तर दिया ।
२. प्रवचन में नमस्कार की योग्य पद्धति बताई जाते समय उपस्थित कुछ भाविक स्वयं उस प्रकार से क्रिया कर देख रहे थे ।
३. प्रवचन के पश्चात कुछ श्रद्धालुआें ने अपनी शंकाआें का निराकरण कर लिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात