हिन्दुुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा गोवा के ‘अजिलो’ रुग्णालय के वैद्यकीय अधीक्षक से मांग
शासकीय कार्यालयों में हिन्दू कर्मचारी अधिकांश होते हुए भी श्री सत्यनारायण पूजा समान धार्मिक कृत्य करने पर आवाज उठानेवाले लोग रुग्णालय में निस्संकोच होनेवाले ऐसे अवैध धर्मपरिवर्तन की घटना के विषय मे क्यों कुछ नहीं बोलते ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
म्हापसा : हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने ‘अजिलो’ रुग्णालय के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. गीता काकोडकर से रुग्णालय में हिन्दू रुग्णों की असहायता का लाभ उठाकर उनका धर्मपरिवर्तन करनेवाले ‘बिलिवर्स’ के प्रचारकों पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की । तदुपरांत डॉ. गीता काकोडकर ने रुग्णालय के प्रमुख व्यवस्थापक को रुग्णालय के इन घटनाओं की जांच करने तथा ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु संबंधित लोगों पर ध्यान रखने के आदेश दिए । इस अवसर पर शिवसेना, स्वराज्य, संस्कृति रक्षा समिति, रणरागिनीr, हिन्दू जनजागृति समिति गोमंतक मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ आदि संगठनों के प्रतिनिधि एवं हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे । इस में सर्वश्री जयेश थळी, सिद्धार्थ मांद्रेकर, नीलेश केणी, सिद्धेश केणी, एकनाथ म्हापसेकर, सुरेश वेर्लेकर, किशोर राव, अंकित साळगावकर, निखिल, श्रीमती अंजली नायक, श्रीमती विशाखा म्हांबरे, श्रीमती शुभदा केणी, श्रीमती शोभा मेनन आदि का सहभाग था । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने उपरोल्लेखित मांग करनेवाला एक ज्ञापन भी वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. गीता काकोडकर को दिया ।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, ‘बिलिवर्स’ के प्रचारक ‘अजिलो’ रुग्णालय में आनेवाले रुग्णों का धर्मपरिवर्तन करने का प्रयास आगे दिए अनुसार करते हैं ।
१. ‘हिन्दुओं के देवी-देवताओं की भक्ति न करें, ‘जिजस’ की भक्ति से व्याधि ठीक होगी’, ऐसा बता कर हिन्दुओं को बुद्धिभ्रष्ट करते हैं ।
२. ‘बिलिवर्स’ की पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण करते हैं ।
३. विशेष रुप से धर्मपरिवर्तित हिन्दुओं का अनुभव कथन करते रहते हैं । पैसों का लालच दिखाकर धर्मपरिवर्तित किया जाता है ।
४. किसी शासकीय रुग्णालय में ऐसे प्रकरण चलना क्रोधजनक है । ये प्रकरण तत्काल नियंत्रित करने हेतु रुग्णालय में आनेवाले ‘बिलिवर्स’ के प्रचारकों को रुग्णालय में प्रवेशबंदी करने की मांग का फलक प्रवेशद्वार पर स्पष्ट रूप से लगाना, नियम तोडनेवाले लोगों पर कठोर कार्यवाही करना, ‘बिलिवर्स के प्रचारकों को उनका प्रसारसाहित्य उदा. पुस्तके, पत्रक आदि का रुग्णालय में वितरण करने पर प्रतिबंध लगा कर वैसा फलक प्रवेशद्वार पर लगाना इत्यादि मांगें की गर्इं ।
५. इस समय हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधियों को रुग्णालय के एक सभागृह में ‘मदरमेरी’ की बडी मूर्ति एवं सामने रखी गई दानपेटी, तथा रुग्णालय में अनेक स्थान पर लगाए गए क्रॉस एवं मदर मेरी के चिन्ह दिखाई दिए ।
६. अपना शासन धर्मनिरपेक्ष होते हुए भी किसी शासकीय रुग्णालय में विशेष धर्म का प्रचार करनेवाले इस प्रकरण को रोकने की हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा मांग किए जाने पर रुग्णालय के अधीक्षक ने इस संदर्भ में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात