आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुओे, आपके मंदिरोंको वक्रदृष्टिसे देखनेका साहस न हो, ऐसी प्रतिष्ठा कब प्राप्त करेेंगे ?
नांदेड (महाराष्ट्र) – धर्मांध गुंडोंद्वारा पांगरीके श्री वैष्णोदेवी मंदिरके पुजारीको धमकियां दी गई हैं । अतः ८ माह पूर्व ही उन्होंने यहांसे पलायन किया है । इसलिए प्रतिवर्ष होनेवाला मंदिरका नवरात्रि उत्सव बंद पड गया है । ( यह नांदेड है अथवा पाकिस्तान ? धर्मांधोंके भयसे मंदिरके पुजारीको पलायन करना पडे, यह बहुसंख्यक हिन्दुओंके लिए अत्यंत लज्जाजनक है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. यहांके स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विद्यापीठके पीछे रहनेवाले पांगरीमें (असदवन) श्री वैष्णोदेवी मंदिर है । इस मंदिरके पुजारी बाबा जोगिंदर मुनिको धर्मांध निरंतर जानसे मारनेकी धमकियां देते थे ।
२. इससे पूर्व धर्मांधोंने भक्तोंके सामने ही मुनिको मारपीट कर घसीटते हुए मंदिरसे बाहर लाया था । इस प्रकरणमें पुलिसद्वारा अपराधकी प्रविष्ट भी की गई है ।
३. पुलिस अधीक्षक परमजीत सिंह दहियाद्वारा इस मंदिरका भ्रमण करनेपर भी धर्मांधोंका आतंक न्यून नहीं हुआ था ।
४. इस मंदिरकी साढे पांच एकड भूमिपर धर्मांधोकी वक्र दृष्टि है । इस मंदिरकी सुरक्षा दीवारपर ही धर्मांधोंने अपनी झोंपडियां निर्माण की हैं ।
५. मुनिके बनाए उपलेको नष्ट करनेके लिए धर्मांध उनपर मुर्गिर्योंको छोडते थे ।
६. धर्मांधोंद्वारा होनेवाले कष्टके विषयमें मुनिने जनपदाधिकारी, जनपद पुलिस अधीक्षक तथा न्यायालयके बहुत चक्कर काटे । उन्होंने बार-बार, ‘एक हिन्दू संतको बचाओ’, ऐसी याचना की; परंतु किसी भी शासकीय अधिकारीने उनपर ध्यान नहीं दिया ।
७. अतः पिछले २५ वर्षोंसे वहांकी सेवा देखनेवाले मुनिने प्राणके भयसे वहांसे पलायन किया । (संदर्भ : दैनिक सामना, १.१०.२०१४)
आगामी कालावधि मंदिरोंके लिए धोखादायी ! – पुजारी
मंदिरोंके पुजारी बाबा जोगिंदर मुनिने कहा कि मुझे सदैव जान लेनेकी धमकियां आती थीं । मेरी सुननेके लिए कोई सिद्ध नहीं था । मंदिरमें मैं अकेला ही रहता था । पुलिस एवं प्रशासनने मेरी एक न सुनी । इससे यह सिद्ध होता है कि आगामी कालावधि हिन्दुओंके मंदिरोंके लिए धोखादायी है । (यह पढकर जिनका रक्त नहीं खौलता, वे हिन्दू हैं ही नहीं ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात