पुणे में भारतीय संस्कृति विरोधी ‘सनबर्न’ के विरोध में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’
‘सनबर्न’ प्रकरण में सरकारद्वारा विश्वासघात ! – श्री. संजय जढर, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान
पुणे : संस्कृति एवं हिन्दुत्व विरोधी, युवा पीढी को व्यसनाधीन बनानेवाला तथा अनेक नियमों का भंग करनेवाला ‘सनबर्न फेस्टिवल’ न होने हेतु शिवप्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष पू. संभाजीराव भिडे गुरुजी ने पालकमंत्री श्री. गिरीश बापट से भेंट कर यह कार्यक्रम रद्द करने के संदर्भ में कहा था। इस अवसर पर पालकमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा था कि, वे इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं देंगे; परंतु सरकार ने इस आश्वासन का पालन नहीं किया ! ‘सनबर्न फेस्टिवल’ प्रकरण में सरकारद्वारा संस्कृतीप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं का विश्वासघात किया गया है। श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. संजय जढर ने चेतावनी देते हुए कहा कि, इस संदर्भ में श्री शिवप्रतिष्ठान उचित उत्तर देगा ! ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के निषेधार्थ २९ दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष आयोजित आंदोलन में वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं के साथ ३०० से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
‘सनबर्न फेस्टिवल’ धर्म पर आक्रमण है ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
‘सनबर्न फेस्टिवल’ को विरोध करने के प्रकरण में विरोधियों का विरोध ‘व्यक्ति स्वातंत्र्य’ को है, ऐसा कहा जाता है; परंतु प्रत्यक्ष में संगीत सुनने हेतु ८८ सहस्र रुपयों का टिकट क्यों लगता है ? कार्यक्रम के लिए ७५० बाऊन्सर्स क्यों रखने पडते है ? केंद्रीय सुरक्षा दल की सहायता क्यों मांगनी पडती है ? यदि सनबर्न के आयोजक कहते हैं कि यह कार्यक्रम रात्रि १० बजे तक है, परंतु प्रत्यक्ष कार्यक्रम स्थल पर रात्रि १०.३० से सवेरे ५ की कालावधि में ‘आफ्टर डार्क’ पार्टियां आयोजित की जाएगी। आखिर सरकार किस प्रकार के पर्यटन को बढावा देना चाहती है ? केसनंद गांव में पारित किया गया मद्यबंदी का प्रस्ताव अस्वीकार कर मद्य की बोतल खडी करने का प्रयास किया जा रहा है। पैसों के लिए सरकार कलंकित हो रही है। ‘सनबर्न फेस्टिवल’ धर्म पर आक्रमण है। हम प्राण पर खेल कर इसका विरोध करेंगे !
संस्कृतिप्रेमियों का किया गया विश्वासघात शासन को महंगा पडेगा ! – श्री. अभय वर्तक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था
ऋषितुल्य व्यक्तित्ववाले पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी को ‘सनबर्न फेस्टिवल’ रद्द करने का आश्वासन देकर भी शासन ने इस कार्यक्रम को अनुमति देकर विश्वासघात किया है। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में साधु-संतों की पवित्र भूमि की पवित्रता को नष्ट किया है। शासन को इसके परिणामों का सामना करना पडेंगा। ये कार्यक्रम होने के लिए जिन्होंने प्रयास किए, उन्हें हम न्यायालय में खीचेंगे !
‘सनबर्न’रूपी राक्षस को अनुमति देनेवाली सरकार का धिक्कार हो ! – श्री. चंद्रकांत वारघडे, माहिती सेवा समिति
‘सनबर्न’रूपी राक्षस को दी गई अनुमति से ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है कि; क्या, हम स्वतंत्र हैं अथवा परतंत्र ? अनेक नियमों का उल्लंघन होते हुए भी सरकारद्वारा ‘सनबर्न फेस्टिवल’ को अनुमति दी गई। हिन्दुत्वनिष्ठ कहलानेवाली सरकार का धिक्कार है !
‘सनबर्न फेस्टिवल’ संतविचारों की हत्या है ! – हिन्दू कुलभूषण ह.भ.प. श्याम महाराज राठोड
संतों की पवित्र भूमि में नंगानाच को अनुमति देनेवाले ‘सनबर्न फेस्टिवल’ समान कार्यक्रम आयोजित करना एक प्रकार से संतविचारों की हत्या ही है। संतविचार, हिन्दुओं का शौर्य का इतिहास से युवा पीढी दूर जाकर व्यसनाधीन बने, इस हेतु रचा गया यह एक षड्यंत्र है !
क्या, हिन्दुओं ने अपना ‘उपद्रवमूल्य’ उत्पन्न करना चाहिए ? – अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदे, लश्कर-ए-हिन्द
‘सनबर्न फेस्टिवल’ को भारी मात्रा में विरोध होते हुए भी सरकार एवं प्रशासन ने उस पर ध्यान नहीं दिया। ज्ञापन प्रस्तुत करते समय जिलाधिकारी से भेंट करने पर उन्हें जब पूछा गया कि क्या सनबर्न के स्थान पर कुछ आपत्तिजनक दिखाई दिया ?, तो उन्होंने आपत्तिजनक शब्द का ही अर्थ पूछा ! जिलाधिकारी ने ऐसा प्रश्न उपस्थित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या, प्रशासन की ऐसी अपेक्षा है कि संस्कृति की रक्षा के लिए हिन्दुओं को अपना ‘उपद्रवमूल्य’ उत्पन्न करना चाहिए ?
जहर की परीक्षा क्यों लेते हो ? – श्रीमती सरिता अंबिके, दुर्गा वाहिनी
यदि सरकार कहती है कि ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के स्थान पर कोई अनाचार नहीं होने देंगे; परंतु, जहर की परीक्षा क्यों देखें ? ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना युवा पीढी को प्रदूषित करने का ही कार्य है !
क्या, सरकार से प्रशासन तक सभी लोगों को ‘मॅनेज’ किया गया है ? – श्री. संदीप अप्पा भोंडवे, उपजिलाप्रमुख, शिवसेना
स्थानीय ग्रामवासियों के साथ हिन्दुत्वनिष्ठों ने सनबर्न के आयोजकोंद्वारा नियमों का भंग करने के संदर्भ में अनेक सूत्र उपस्थित किए; परंतु उसे दुर्लक्षित कर सनबर्न के आयोजकों को एक रात्रि में आवश्यक सभी अनुमतियां दी गई ! कार्यक्रमस्थल से आने-जाने हेतु तथा आपात्कालीन परिस्थिति के लिए अलग अलग मार्ग होने चाहिए, ऐसा नियम होने पर भी वहां प्रत्यक्ष में एक ही मार्ग है। ऐसा होते हुए भी आयोजकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे संदेह उत्पन्न होता है कि; क्या, सरकार से प्रशासन तक सभी लोगों को सनबर्नवालों ने ‘मॅनेज’ तो नहीं किया है ?
सरकार धर्म की रक्षा करनेवाली नहीं है, अपितु धर्म का क्षय करनेवाली है ! – श्री. रामशेठ गावडे, शिवसेना जिलाप्रमुख
ऐसा प्रतीत होता था कि धर्म की रक्षा करनेवाली सरकार सत्ता में आयी है; परंतु सरकार ने ‘सनबर्न फेस्टिवल’ समान संस्कृति विरोधी कार्यक्रम की अनुमति देने से यह स्पष्ट हो गया है कि, यह सरकार धर्म की रक्षा करनेवाली नहीं, अपितु धर्म की क्षति करनेवाली है ! इस प्रकरण में प्रशासनद्वारा अपनाई गई बहरेपन की भूमिका भी निषेधार्ह है !
पुलिसद्वारा ‘सनबर्न’ विरोधी उपोषण बंद किया गया ! – श्री. विपुल शितोळे, उपजिलाप्रमुख, युवा सेना
संस्कृति विरोधी कार्यक्रम का निषेध करने का समय आना, अत्यंत दु:खदायी है। पर्यटन राज्यमंत्री ने समय निकाल कर संस्कृतिविरोधी ‘सनबर्न फेस्टिवल’ हेतु पत्रकार परिषद आयोजित की; परंतु ग्रामवासी एवं हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा उपस्थित गंभीर सूत्रों पर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं, अपितु ‘सनबर्न’ के विरोध में स्थानीय ग्रामवासियोंद्वारा किया जा रहा अनशन भी रोक दिया गया।
सरकारद्वारा अपेक्षाभंग ! – श्री. अभिजीत बोराटे, हिन्दवी स्वराज्य युवा संगठन
बडी अपेक्षाएं रख कर जनता ने सरकार को चुन कर दिया; परंतु संस्कृति विरोधी कार्यक्रम आयोजित कर उसने अपेक्षाभंग किया है !
सरकार की आंखों पर पैसों की धूंदी ! – श्रीमती मोनिका गावडे, रणरागिणी शाखा
आज ‘सनबर्न फेस्टिवलस्टवल’ के माध्यम से युवतियां भी व्यसनों के मार्ग पर जा रही हैं एवं सरकार ऐसे कार्यक्रमों का समर्थन कर रही है, जो निषेधार्ह है ! सरकार की आंखों पर पैसों की धूंदी चढने से ही उसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढी का जीवन उद्ध्वस्त होता दिखाई नहीं देता !
संस्कृति एवं हिन्दुत्व परंपरा टूटने के कगार पर ! – श्री. चंद्रशेखर शिंदे, लाल महाल उत्सव समिति
साधुसंतों की भूमि में ‘सनबर्न फेस्टिवल’ हो रहा है, यह देख कर प्रश्न उपस्थित होता है कि, ‘हम भारत में रह रहें हैं अथवा कहीं और’ ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है। सरकार स्वयं को हिन्दुत्वनिष्ठ कहती है; परंतु संस्कृति एवं हिन्दुत्व की परंपरा को तोडनेवाले कार्यक्रम होने दे रही है, यह लांच्छनास्पद है !
इस अवसर पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मृति प्रतिष्ठान के सर्वश्री विद्याधर नारगोलकर तथा संभाजी ब्रिगेड के श्री. बाळकृष्ण वांजळे ने भी अपना मनोगत व्यक्त किया। केसनंद गांव के ग्रामवासी श्री. रामदास हरगुडे ने पर्यटनवृद्धि हेतु सरकार को ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के अतिरिक्त अन्य कार्यक्रम दिखाई नहीं दिए ? ऐसा प्रश्न उपस्थित कर सरकार की नीति पर ही आलोचना जताई।
आंदोलन के अवसर पर उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ
आळंदी के शिवसेना उपनगर प्रमुख श्री. संदीप पगडे, शिवसेना के श्री. संदीप कायस्थ, डोंगरगाव (पुणे) के सरपंच श्री. संतोष गायकवाड, पेरणेगाव (पुणे) के उपसरपंच श्री. नीलेश वाळके, पेरणेगाव तंटामुक्ति अध्यक्ष श्री. दशरथ वाळके, हिन्दू स्वाभिमान प्रतिष्ठान के अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदे, शिरूर तहसील युवासेना उपप्रमुख श्री. राम देवकर, युवासेना उपजिलाप्रमुख श्री. विपुल शितोळे, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. चंदन जाधव, हिन्दू महासभा के युवा अध्यक्ष श्री. गजानन नेरकर, प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्रीमती शुभांगी आफळे, अधिवक्ता श्री. नरेंद्र पडवळ, सर्वश्री योगेश माळी, अनिकेत हराळे
विशेष : एक व्यक्ति ने एक निजी दूरचित्रवाहिनी का संवाददाता है ऐसे बता कर आंदोलन का छायाचित्र निकाला तथा उसका ध्वनिचित्रण कर श्री. अभय वर्तक का एक छोटा साक्षात्कार भी किया। इस व्यक्ति के संदर्भ में समिति के कार्यकर्ताओं को संदेह उत्पन्न होने से संबंधित दूरचित्रवाहिनी के पास जांच करने पर पता चला कि वह व्यक्ति संवाददाता नहीं है ! तदुपरांत समिति के कार्यकर्ताओं ने उस व्यक्ति के पास के आंदोलन के सभी प्रकार के ध्वनिचित्रण एवं छायाचित्र निकाल लिए। समिति के कार्यकर्ताओं के ध्यान में आया कि उस व्यक्तिने मद्यप्राशन किया था।
सनबर्न में अवैध बातें दिखाई दी तो परिवाद करने पर तत्काल कार्यक्रम निरस्त करेंगे ! – निवासी उपजिलाधिकारी श्री. राजेंद्र मुठे
हिन्दुत्वनिष्ठों के आंदोलन के उपरांत उनके प्रतिनिधि मंडलद्वारा निवासी उपजिलाधिकारी श्री. राजेंद्र मुठे से भेंट कर सनबर्न कार्यक्रम रद्द करने के संदर्भ में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस समय श्री. मुठे ने बताया कि, ‘डीजे’ ध्वनिक्षेपक की दृष्टि से हमने उन्हें आवाज की सीमा बनाए रखने के आदेश दिए हैं। यदि इस कार्यक्रम में कोई अवैधानिक घटना अथवा कुछ आपत्तिजनक बात दिखाई दी, तो हम तत्काल कार्यक्रम निरस्त करेंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात