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‘सनबर्न फेस्टिवल’ को दी गई मद्यअनुज्ञप्ति अस्वीकार करने के विषय में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के जिला अधीक्षक को ज्ञापन प्रस्तुत

सरकार को स्वयं होकर मद्यबंदी करना चाहिए था । ऐसी मांग करनी पडती है, यह सरकार के लिए लज्जाजनक है ! इस स्थिति को परिवर्तित करने हेतु हिन्दू राष्ट्र अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

मोहन वर्दे (बार्इं ओर से) ज्ञापन देते हुए श्री. चंद्रकांत वारघडे एवं श्री. अभय वर्तक (दार्इं ओर से)

पुणे : यहां के केसनंद गांव में वर्तमान समय में ‘सनबर्न फेस्टिवल’ चल रहा है एवं इस में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा मद्यप्राशन करने की अनुमति दी गई है । केसनंद गांव से धार्मिक स्थल के समीप ही होने के कारण गांव में वर्ष २००७ से मद्यबंदी की गई है । इस दृष्टि से केसनंद के ग्रामवासियों द्वारा ग्रामसभा में वैसा प्रस्ताव भी सम्मत किया गया है । तब भी राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा ‘सनबर्न फेस्टिवल’ में आनेवाले लोगों को मद्यप्राशन करने हेतु अनुमति दी गई है । अतः गांव की पवित्रता भंग होगी । इसलिए माहिती सेवा संघ के संस्थापक अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत वारघडे ने विभाग के जिला अधीक्षक मोहन वर्दे को २९ दिसंबर को विभाग द्वारा दी गई मद्यअनुज्ञप्ति तत्काल रद्द करने की मांग वाला ज्ञापन दिया । इस अवसर पर सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक भी उपस्थित थे । इस अवसर पर श्री. वर्दे नें कहा कि हमने यह अनुज्ञप्ति कानून के चौखट में रह कर दी है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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