कार्तिक कृ. १४/अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११४
हिंदुद्रोही चलचित्रोंके विषयमें हिंदू जनजागृति समितिके नेतृत्वमें प्रतिनिधिमंडलकी गोवा मनोरंजन संस्थाके उपाध्यक्ष विष्णु वाघसे भेंट
पणजी : हिंदू जनजागृति समितिके नेतृत्वमें प्रतिनिधिमंडलद्वारा गोवा मनोरंजन संस्थाके उपाध्यक्ष विष्णु वाघसे भेंट की गई । इस अवसरपर वाघने प्रतिनिधिमंडलसे कहा कि वे देऊळ चलचित्रमें दर्शाया गया गीत भगवान श्री दत्तका अनादर करनेवाला है । हिंदू जनजागृति समितिद्वारा उठाई गई आपत्ति अंतरराष्ट्रीय चित्रपट महोत्सवके (इफ्फी) केंद्रीय अधिकारियोंको भेजेंगे । उसी प्रकार उन्होंने ‘ओ माय गॉड’ चलचित्रके निर्माता अक्षयकुमारको चलचित्र महोत्सवके उद्घाटनके लिए आमंत्रित न करनेकी मांगके विषयमें समिति एवं आंचिमके केंद्रीय अधिकारियोंकी बैठक आयोजित करनेका आश्वासन दिया । ( हिंदुओंके आस्थास्थानोंके अनादरके संदर्भमें समितिद्वारा आवाज उठाए जानेके पश्चात गोवा शासनद्वारा अनुशंसा करना एवं केंद्रीय अधिकारियोंसे भेंट आयोजित करनेमें समन्वयककी भूमिकाकी ही नहीं, अपितु हिंदुओंकी धर्मश्रद्धाकी रक्षा हेतु शासनको स्वयं होकर गंभीरतासे ध्यान देनेकी अपेक्षा है ! – संपादक )
श्री वाघसे भेंट करते समय प्रतिनिधिमंडलद्वारा मांग की गई कि हिंदुओंके देवी-देवताओंका अनादर करनेवाले ‘ओ माय गॉड’ चलचित्रके निर्माता, तथा अभिनेता अक्षयकुमारने हिंदुओंकी धर्मभावनाओंको आहत किया है । इसलिए उन्हें चलचित्र महोत्सवके लिए आमंत्रित न करें तथा देऊळ चलचित्र भगवान श्री दत्तका अनादर करनेवाला होनेके कारण इस वर्षके चलचित्र महोत्सवमें न दिखाया जाए । इस प्रतिनिधिमंडलमें हिंदू जनजागृति समितिके गोवा राज्य निमंत्रक डॉ. मनोज सोलंकी, सनातन संस्थाके श्री.संगम बोरकर, साखळीके धर्माभिमानी श्री. शिवाजी राणे, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. तुलसीदास गांजेकर एवं श्री. राज बोरकरका समावेश था । इस विषयमें बोलते समय वाघने कहा कि अक्षयकुमारको आमंत्रित करनेके संदर्भमें निर्णय चलचित्र महोत्सवके केंद्रीय अधिकारी ही ले सकते हैं । इस संदर्भमें समितिका ज्ञापन केंद्रीय अधिकारियोंको भेजा है । महोत्सवके केंद्रीय अधिकारी गोवामें आनेके पश्चात इन अधिकारियोंसे अक्षयकुमारके संदर्भमें विचार-विमर्श करने हेतु हम बैठक आयोजिक करेंगे ।
इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिके डॉ. मनोज सोलंकीने विधायक विष्णु वाघको ‘ओ माय गॉड’, ‘स्टुडेंट ऑफ द ईयर’ एवं ‘शूद्र दी राईजिंग’ चलचित्रोंद्वारा हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको किसप्रकार आहत किया गया है, इस विषयमें भी जानकारी दी तथा उन्होंने उनसे निवेदन किया कि गोवा शासनद्वारा केंद्रीय परिनिरीक्षण मंडलसे (सेन्सर बोर्डको) ऐसे चलचित्रोंको अनुमति न देनेकी मांग की जाए ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात