सोमवार को हुए भारत की अग्नि-४ मिसाइल के सफल परीक्षण से चीन बौखला गया है। उसने भारत को साफ किया कि यदि वह अपनी लंबी दूरी की मिसाइल (एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करनेवाली) क्षमता में बढ़ोतरी करता रहा तो वह अपने पुराने और भरोसेमंद दोस्त पाकिस्तान की मदद करेगा ! चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लंबी दूरी अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइलों पर कोई आपत्ति नहीं है, तो ठीक है। पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलों में भी बढोत्तरी देखने को मिलेगा।
सरकारी समाचारपत्र ने पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए कहा कि उसे भी भारत की तरह ही परमाणु सुविधाएं और विशेषाधिकार मिलने चाहिए। इस संपादकीय लेख में कहा गया है, ‘यदि पश्चिमी देश भारत तो परमाणु शक्ति संपन्न देश के तौर पर स्वीकार करते हैं और भारत और पाकिस्तान के बीच की परमाणु होड़ से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, तो चीन भी इससे अलग नहीं रहेगा। मौजूदा समय में भारत की ही तरह पाकिस्तान को भी अपनी परमाणु क्षमता विकसित करने का अधिकार मिलना चाहिए !’
इस संपादकीय लेख में जहां लिखा गया कि भारतद्वारा परमाणु क्षमता संपन्न अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के परीक्षणों से चीन परेशान नहीं है, वहीं इसका भी जिक्र है कि अग्नि-४ के परीक्षण से चीन बेचैन है। संपादकीय में कहा गया, ‘हमें नहीं लगता है कि भारत के विकास से चीन को किसी तरह का खतरा है। आगे आने वाले समय में भारत को चीन का मुख्य प्रतियोगी नहीं माना जाएगा, लेकिन अगर भारत बहुत आगे बढ़ता है तो चीन चुप नहीं रहेगा। भारत जानता है कि अगर उसकी भौगोलिक-राजनैतिक तरकीबों से चीन के साथ उसके रिश्ते बिगड़ते हैं, तो इससे उसका ही नुकसान होगा !’
इन बातों के अलावा इस संपादकीय में आरोप लगाया गया कि ‘भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सीमाओं’ का उल्लंघन किया है। आरोप लगाया गया है कि संयुक्त राष्ट्रद्वारा परमाणु हथियारों और लंबी दूरी के बलिस्टिक मिसाइल्स की संख्या को लेकर तय की गई सीमा का भारत ने उल्लंघन किया है। इसमें आगे कहा गया है, ‘अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी देशों ने भी भारत की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर अपने नियम लचीले कर दिए हैं। भारत अपनी मौजूदा परमाणु क्षमताओं से संतुष्ट नहीं है और वह ऐसे अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल्स विकसित करने की कोशिश कर रहा है जो कि दुनिया के किसी भी देश को निशाना बना सकें। इसके बाद भारत सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों के बराबर वाली जगह पर खुद को पेश करेगा !’
स्त्रोत : जनसत्ता