आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी/एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुआेंके त्यौहारोंका विरोध करनेवालोंको हिन्दुस्थान मे कोर्इ स्थान नही !
![](https://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/04/1782_123.jpg)
भोपाल (मध्यप्रदेश) – मप्र विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा में बड़ी हार के बाद कांग्रेस अब हिंदुत्व का भजन गाने लगी है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हिंदू उत्सवों/पर्वों का आयोजन इसी राजनीति का हिस्सा है, जिसे राहुल गांधी ने हवा दी है। मप्र के राजनीतिक इतिहास में संभवत: ऐसा पहली हो रहा है, जब किसी पार्टी ने अपने दफ्तर में लगातार धार्मिक आयोजन कराए हों! प्रदेश कांग्रेस ने इस वर्ष अपने कार्यालय में पहले गणेशजी विराजे। उसके बाद शिक्षक दिवस के मौके पर एनएसयूआई ने सरस्वती पूजन कराया। उसके बाद क्षमावाणी पर्व का आयोजन हुआ। फिर नवरात्र में देवी स्थापना हुई। इसी बीच सुंदरकांड का आयोजन किया गया।…और फिर अष्टमीं/नवमीं पर महाआरती का आयोजन किया गया।
क्यों हो रहा ऐसा
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को यह बात समझाई गई है कि, मप्र में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार की वजह पार्टी की छवि हिंदू विरोधी होना है। प्रदेश कांग्रेस के नेता बताते हैं कि, कांग्रेस को हिंदू मुसलमानों की पार्टी मानने लगे हैं, जबकि पार्टी सबको साथ लेकर चलने में यकीन करती है।
दरअसल, कुछ वरिष्ठ नेता भाजपा को घेरने के चक्कर में जाने-अनजाने हिंदू विरोधी बयान दे देते हैं। इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। राहुल गांधी ने ऐसे नेताओं को भी संयम बरतने की नसीहत दी है। वहीं पार्टी कार्यालय में हिंदू धर्म उत्सवों का शुरुआत इसी रणनीति का एक हिस्सा है।
विरोध भी शुरू
हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के इन प्रयासों का विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुफराने आजम एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय अरुण यादव का घर नहीं है, जहां वे अपनी मर्जी से आयोजन करा रहे हैं।
इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव अकबर बेग अपनी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि, क्यों न कार्यालय में ताजिया रखे जाएं और बकरीद पर कुर्बानी दी जाए !
स्त्रोत : दैनिक भास्कर