आश्विन शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
गोरक्षा हेतु संगठित रूपसे प्रयास करना आवश्यक ! – मूलचंद मित्तल
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राऊरकेला (आेडिशा) – बांग्लादेशमें भेजी जानेवाली सहस्रों गायोंका यातायात रोकना अपना धर्मकर्तव्य है । इसलिए हम सभीको संगठित रूपसे एवं प्राणको दांवपर लगाकर प्रयास करना आवश्यक है, बीरमित्रपुर मारवाडी समाजके अध्यक्ष श्री. मूलचंद मित्तलने ऐसा प्रतिपादन किया ।
धर्मरक्षा एवं धर्मजागृतिके लिए विश्व हिन्दू परिषदकी ओरसे झारखंडके तरगा गांवमें एक धर्मसभा आयोजित की गई । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. प्रकाश मालोंडकर एवं सनातन संस्थाके श्री. श्रीराम काणे उपस्थित थे । इस सभामें तरगा पंचक्रोशीके लगभग ३५० से अधिक धर्माभिमानी ग्रामवासी उपस्थित थे ।
श्री. मालोंडकरने कहा कि आज हिन्दू धर्मपर चारों ओरसे आक्रमण हो रहे हैं । ऐसी स्थितिमें जात, पक्ष, संप्रदाय, संगठन एवं पदोमें विभाजित न होकर हिन्दुओंको संगठित होना चाहिए । इसलिए धर्माभिमान बढाकर धर्माचरण करना आवश्यक है ।
क्षणिकाएं
१. धर्मसभाका आयोजन तरगा पंचक्रोशाके विश्व हिन्दू परिषदके युवा धर्माभिमानियोंने स्वयं किया । इस अवसरपर उनका सम्मान किया गया ।
२. दोपहर १ बजेका समय होते हुए भी सभा समाप्त होनेतक छोटे बडे सभी धूपमें उपस्थित रहे ।
३. गोरक्षा करते समय बंदी बनाए गए बीरमित्रपुरके श्री. तिवारी एवं श्री. जयराज ठाकुरका सम्मान किया गया ।
४. सभा समाप्त होनेपर भी लगभग १०० से अधिक स्त्री-पुरुष सभास्थलपर रुककर विचार-विमर्श करते हुए देखे गए ।
५. अत्यधिक ग्रामीण क्षेत्र होते हुए भी उपस्थित ग्रामवासियोंने सनातनके ग्रंथ, ध्वनिचित्र-चक्रिका इत्यादि साहित्य भली-भांति क्रय किया ।
६. सभाके अंतमें उपस्थित धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा ‘श्री दुर्गादेव्यै नमः’का नामजप करवाया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात