संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि, उत्तरी राखिने राज्य में सेना द्वारा हिंसक कार्रवाई के बाद से पिछले ३ सप्ताह में लगभग ६५००० रोहिंग्या मुसलमानों ने म्यामांर से भागकर बांग्लादेश में शरण ली। मानवाधिकार समूह का कहना है कि, सैन्य अभियान के बाद रोहिंग्या समुदाय के लोगों के घर छोड़कर बांग्लादेश में शरण लेने की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है।
म्यांमार में सैनिकों द्वारा किए जा रहे अत्याचार और बुरा बर्ताव के कारण से लोग म्यांमार से भाग रहे हैं। इससे मानवता के विरुध्द अपराधों में वृद्धि हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी का कहना है कि, पिछले एक सप्ताह में २२००० रोहिंग्या समुदाय के लोग राखिने सीमा को पार करके यहां पहुंचे हैं। ५ जनवरी से अब तक ६५००० लोग बांग्लादेश के कैंप में शरण लिए हुए हैं।
स्त्रोत : अमर उजाला
Are we still under UPA regime or present government is playing a vote-bank policy.