कोलकाता : यहां मकर संक्रांति के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस कार्यकर्ताआें की रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हमारा संगठन बिना किसी का विरोध करे हिंदुओं को एकजुट कर मजबूत बना रहा है। पड़ोसी देश (बांग्लादेश) में हिंदुओं की वर्तमान स्थिती के लिए उनकी कमजोरी ही जिम्मेदार है !’ बता दें कि इस रैली के लिए कोलकाता पुलिस से अनुमती नहीं मिली थी, जिसके बाद संघ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
संघ प्रमुख ने और क्या कहा ….
भागवतजी ने कहा, ‘यह संगठन किसी के विरोध के लिए नहीं, अपितु हिंदुओं की मजबूती के लिए बना है। देश में हिंदू समाज का गौरवशाली इतिहास रहा, इसके बावजूद हिन्दुआेंकी स्थिती आज एेसी क्यों है ?’
उन्होंने पूछा, क्या आज देश में हिंदू पूरी आजादी से पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यक्रम कर पा रहा है ? क्या देश में हिंदुओं के मानवी अधिकार सुरक्षित हैं ?’
यदि जवाब ना है तो फिर आपको बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत पर आश्चर्य क्यों होता है ? अपनी वर्तमान स्थिती के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। हम एकजुट और मजबूत नहीं हैं, इसीलिए ऐसे हालात का सामना करना पड रहा है !’
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान आरएसएस ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर के.एन. त्रिपाठी से शिकायत की थी। जिसमें कहा था कि राज्य के कुछ हिस्सों में हिंदुओं को धार्मिक कार्यक्रम करने की स्वतंत्रता नहीं है !
‘कठिनाइयों के बीच हम लक्ष्य तक पहुंचते हैं’
– कोलकाता में अपनी रैली की परमिशन मिलने में आयी दिक्कत पर संघ प्रमुख ने कहा, ”यह मजाक जैसा है कि हम बाधाओं के बावजूद अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं। केशव बलिराम हेडगेवार ने भी तमाम कठिनाइयों के बाद भी हिंदुओं को मजबूत करने के लिए संघ की नींव रखी थी। अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं को काम में तेजी लानी होगी !”
‘आज हम भारत को सशक्त बनाने, हिंदुओं को एकजुट करने और प्रेम का संदेश फैलाने की शपथ लें। सबको अपने दिन (वक्त) और कमाई का एक तिहाई हिस्सा देश के विकास में लगाना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर