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हिंदुत्वका आधारवृक्ष धराशायी हो गया ! – हिंदू जनजागृति समिति

कार्तिक शु. ४, कलियुग वर्ष ५११४

 

हिंदूंओका दीपस्तंभ शिवसेनाप्रमुख मा. श्री. बाळासाहेब ठाकरेजीको भावपूर्ण श्रद्धांजली !

 

मुंबई : साढे चारसे भी अधिक दशकोंसे करोडों हिंदुओंके मनपर राज करनेवाले हिंदुहृदयसम्राट, एक घोषणासे बादलोंमें गडगडाहट निर्माण करनेवाला योद्धा, जिसकी कलममें बिजलीका प्रवाह है ऐसा लेखक, जिसकी कूंची जनमानसका मर्म भेद सके, ऐसा व्यंगचित्रकार, हिंदुओंके सरसेनापति, शिवसेनाप्रमुख माननीय श्री. बाळासाहेब ठाकरेजी के दुःखद निधनमें हिंदू जनजागृति समिति भावपूर्ण श्रद्धांजली व्यक्त करती है ।
 
हिंदू हृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरेके जानेसे हिंदुत्वका आधारवृक्ष ही धराशायी हो गया है । हिंदुत्वकी बाजू बुलंद एवं निर्भयतासे रखनेवाले, निधर्मीपनाके स्वांगके कारण भेड बने हिंदुओंको क्षण भरमें सिंह बनानेवाली वह आवाज आज लुप्त हो गई है । उनके जानेसे समस्त हिंदू समाजकी ही भारी हानि हुई है । मराठी लोगोंके अधिकारके लिए आरंभ किया गया आंदोलन राजनेताओंको एक ओर हटाकर सत्तातक ले जानेतक का चमत्कार उन्होंने करके दिखाया । उसी समय राष्ट्रहित ध्यानमें रखकर हिंदुओंपर हो रहे अन्यायोंके विरुद्ध भी उन्होंने आवाज उठाई । पाकिस्तानका भारतमें क्रिकेट खेलना हो, अथवा अयोध्याके श्रीराम मंदिरका आंदोलन हो, देशभरके हिंदुओंकी एक ही आशा होती थी, वह थी, मा. बाळासाहेबजी के आदेशकी !
 

राजनीति कैसे करनी चाहिए, उन्होंने इसका भी आदर्श रखा । उनकी राजनीति किसी भी पदके मोहवश नहीं थी । शिवसेनाके कारण ही सर्वसामान्य शिवसैनिकको अधिकारपद, मंत्रीपद मिले । व्यंग्यचित्र, कलम तथा भाषण इन सर्व माध्यमोंसे उन्होंने हिंदुत्वको सम्मान दिलवाया । उन्होंने भले ही कितनी भी कठोरतासे आलोचना की हो, तब भी उसमें राष्ट्रहित ही होनेसे उनके राजकीय विरोधक भी उनसे प्रेम करते थे । एक बार प्रवास करते समय एक उत्तर भारतीय हिंदू बंधुने मुझसे कहा था, ‘मा. बाळासाहेब ठाकरे जी मुझे ‘भैया’ भी यदि कहें, तो भी क्रोध नहीं आता है । इसलिए कि हम इस मुंबईमें हिंदू बनकर जीवित हैं तो केवल बाळासाहेबके कारण ही, अन्यथा वर्ष १९९३ के दंगोंमें हम जीवित ही नहीं रहते । आज ऐसा कोई भी राजनेता नहीं है, जिसपर ऐसा विश्वास दिखाया जा सके ।
 



हिंदू जनजागृति समितिके शिष्टमंडलद्वारा भेट देनेपर उन्होंने समितिके समन्वयक श्री. शिवाजी ‘वट’करजीसे कहा था कि लोगोंमें ‘वट’ निर्माण करें, ऐसा कहकर एक ही शब्दमें कार्यका संदेश दिया था । समितिकी ओरसे उन्हें प्रति वर्ष जन्मदिनका शुभकामनापत्र भेजा जाता था । जनतासे प्रचंड प्रेम प्राप्त करनेवाला यह नेता खो देनेसे हिंदुओंकी जो हानि हुई है, उसे भरना असंभव है; मात्र हिंदूराष्ट्रका स्वप्न साकार करके हम उनके उपकारोंको थोडा-बहुत तो चुकता कर सकते हैं । हिंदू जनजागृति समिति ठाकरे कुटुंबीय तथा सर्व शिवसैनिकके दुःखमें सहभागी है ।
 

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