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तेजी से इस्‍लामीकरण की ओर बढ़ रहा ब्रिटेन !

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, ब्रिटेन में मुसलमानों के बीच कट्टरपंथी इस्लाम के प्रति झुकाव बढ़ रहा है। ब्रिटेन में किशोरों और युवाओं के बीच बढ़ते चरमपंथी झुकाव को कम करने और इंटरनेट पर आतंकियों के जाल में फंस जाने वालों की मदद के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक विशेष वेबसाइट “एजुकेट अगेंस्ट हेट” शुरू की थी। इस्लामी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के उभार के साथ ही ब्रिटेन समेत पूरे यूरोप और अमेरिका में किशोरों-युवाओं को इंटरनेट के माध्यम से आतंकियों के झांसे में फंस जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित थिंक टैंक गेट्सस्टोन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट “ब्रिटेन का इस्लामीकरण २०१६” रिपोर्ट में सात खतरनाक संकेत बताए हैं।

१. रिपोर्ट में मुस्लिम विद्वान एलहाम मानिया के हवाले से कहा गया है कि, ब्रिटेन की शरिया न्यायालयों में ऐसे मुस्लिम काजी हैं जो मानते हैं कि, कुछ अपराधियों को हाथ काट देने की सजा दी जानी चाहिए। मानिया मुस्लिम मौलानाओं को “अधिनायकवादी” मानती हैं। उनके अनुसार, ब्रिटेन के कुछ क्षेत्र पाकिस्तान से भी ज्यादा पिछड़े हुए हैं।

२. बच्चों को मौलिक ब्रिटिश मूल्यों की शिक्षा देने को नेशनल यूनियन ऑफ टीचर्स “सांस्कृतिक वर्चस्ववाद” मानता है। संगठन चाहता है कि बच्चों को इसकी जगह “अंतरराष्ट्रीय अधिकारों” की शिक्षा दी जानी चाहिए।

३. ६१५ पन्नों के सर्वे के अनुसार, एक लाख से ज्यादा ब्रिटिश मुसलमानों को आत्मघाती हमलावरों और आतंकियों से सहानुभूति थी। ब्रिटेन के लगभग एक तिहाई (३४%) मुसलमान अपने किसी नजदीकी व्यक्ति के कट्टरपंथी इस्लाम की आेर बढ़ते झुकाव की सूचना पुलिस या खुफिया एजेंसियों को नहीं देंगे। सर्वे में शामिल लगभग २३ प्रतिशत ब्रिटिश मुसलमानों ने कहा कि, जिन ब्रिटिश क्षेत्रों में बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है उनमें इस्लामी शरिया कानून लागू होना चाहिए।

४. रिपोर्ट में एक पूर्व कैदी के हवाले से कहा गया है कि, लंदन स्थित बेलमार्श अधिकतम-सुरक्षा जेल “जिहादी ट्रेनिंग कैंप” जैसी है। रिपोर्ट में ब्रिटिश सरकार पर जेल में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ को सामने लाने वाली रिपोर्ट को दबाने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जेल के कर्मचारी इस्लामिक कट्टरपंथी बरताव को रोकने में अनिच्छुक होते हैं क्योंकि उन्हें “नस्लभेदी” ठहराये जाने का डर होता है।

५. मैनचेस्टर में रहने वालों के घरों में “पब्लिक प्योरिटी” नामक एक मुस्लिम समूह ने पर्चा भेजा था जिसमें सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को लेकर जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी।

६. एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, “राजनीतिक तटस्थता” दिखाने के लिए चुनाव में मुस्लिम समुदाय से जुड़ी धांधलियों को नजरअंदाज किया जाता है।

७. ब्रिटेन में चाइल्ड सेक्स की राजधानी कहे जाने वाले टेलफोर्ड में पुलिस पर पाकिस्तानी सेक्स गैंग द्वारा सैकड़ों बच्चों के यौन शोषण के मामलों को छिपाना का आरोप है।

स्त्रोत : जनसत्ता

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