केवल प्रस्ताव पारित करने से कुछ नही होगा, अपितु उसके लिए प्रत्यक्ष कार्य करने की आवश्यकता हैं आैर वही नही की जाती, यह वास्तविकता हैं ! – संपादक, हिन्दूजागृति
जम्मू : जम्मू कश्मीर विधानसभा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य प्रवासियों की वापसी के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कल सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित किया। सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने कहा कि, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधानसभा को कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुला ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण से कश्मीरी कश्मीरी पंडितों, कुछ सिखों और मुसलमानों को २७ वर्ष पहले घाटी छोड़कर जाना पड़ा था। ऐसे में आज हमें राजनीति से ऊपर उठकर उनकी वापसी के लिए सदन में एक संकल्प पारित करना चाहिए।’
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद, संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने प्रस्ताव को सदन में लाये जाने की मंजूरी दी। कश्मीरी पंडितों की वापसी के मामले पर जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा, आज पंडितों को कश्मीर की इतनी आवश्यकता नहीं, जितनी कश्मीर को पंडितों की आवश्यकता है। हमें कश्मीर को बहुसांस्कृतिक, विशिष्ट संस्कृति और विश्वप्रेमी बनाना होगा।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स